अलीबाग कोर्ट ने दिया सिडको मुख्यालय की संपत्ति जब्त करने का आदेश
उच्च न्यायालय के स्थगित आदेश से सिडको को मिली राहत
नवी मुंबई। सिडको द्वारा वाघिवली स्थित मूंदड़ा परिवार की 152 एकड़ जमीन का अधिग्रहण करने के बाद उसकी नुकसान भरपाई के एवज में 722 करोड़ की अदायगी न किए जाने की वजह से अलीबाग की जिला अदालत ने सिडको मुख्यालय की संपत्ति जब्त करने का आदेश दिया था। इस आदेश को स्थगित रखने के लिए सिडको ने मंगलवार को उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की थी, सिडको की इस याचिका पर सुनवाई करते हुए अलीबाग की अदालत द्वारा दिए गए आदेश को स्थगित रखने का आदेश दिया जिसके बाद सिडको ने राहत की सांस ली।
उल्लेखनीय है कि वाघिवली स्थित 152 एकड़ की जमीन का अधिग्रहण करने के बाद सिडको को 722 करोड़ की अदायगी करनी थी , जिसे सिडको द्वारा अदा नहीं की जा रही थी , इसे लेकर मुंदड़ा परिवार ने अलीबाग की अदालत में याचिका दाखिल की थी। जिसकी सुनवाई करते हुए अलीबाग की अदालत ने आदेश दिया कि सिडको ने यह रकम अदा नहीं की है इसलिए सिडको मुख्यालय की संपत्ति जब्त कर ली जाए। जानकारी के अनुसार मुंदड़ा परिवार इस आदेश को लेकर अपने वकील तथा कोर्ट बेलिफ के साथ आदेश का पालन करावें के लिए आया था।
अदालत द्वारा दिए गए आदेश के अनुसार सिडको मुख्यालय की जिस संपत्ति को जब्त किया जाना था उसमें सिडको के प्रबंध निदेशक तथा सयुंक्त प्रबंध निदेशकों के केबिन , उनके वाहन , सिडको कार्यालय की 5 हजार कुर्सियां , 2500 टेबल , 2000 पंखे , 1 हजार अलमारी ,500 एसी , 1000 कंप्यूटर तथा सिडको की मालिकाना हक़ की बाकी की संपत्ति का जिक्र किया गया था। इस अलीबाग कोर्ट के इस आदेश के बाद सिडको में हड़कंप मचा हुआ था अलीबाग कोर्ट के इस आदेश पर स्टे लेने के लिए उच्च न्यायालय में एक याचिका दाखिल की गयी जिसकी सुनवाई के बाद सिडको को स्टे आर्डर दे दिया।
बताया गया कि इस तरह के आदेश की जानकारी जब सिडको के सयुक्त प्रबंध निदेशक दिलीप ढोले को लगी तो जब्ती करने के लिए आई टीम को अपने पास बिठाया और अपने लॉ विभाग को इस आदेश पर तत्काल स्टे लाने के लिए कहा। उच्च न्यायालय द्वारा स्टे ऑर्डर आने के बाद वह टीम बिना कार्रवाई किये वापस चली गयी।
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