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Friday, May 28, 2010

नक्सली आतंक

मनीष अस्थाना

नक्सलवादी लोगों ने जिस तरह से निर्दोष लोगों की हत्या की है उसकी जितनी निंदा की जाये कम है। माना जा रहा है की यह हमला अभी तक का सबसे बड़ा हमला है जिसमें बड़ी संख्या मैं निर्दोष लोगों की मोत हो गयी। नक्सलवादियों का यह हमला सरकार दवारा चलाये जा रहे आपरेशन ग्रीन्हंत के विरोध मैं था । नकास्ल्वादियों का कहना है की इस को बंद कर दिया जाय लेकिन सारकार उनकी इस मांग को मानने के लिए तयारनहीं है । वैसे नक्सलवादियों का कोई पहला काम नहीं है इससे पहले भी इन लोगों ने कई हमले किये है एक हिसाब से देखा जाये तो यह लोग अपनी सारकार चलाते है जिनके अपने क़ानून होते है । कुछ दिनों पहले जब सारकार ने इन नक्ल्सवदिओन के खिलाफ सीधी लड़ाई लड़ने का मन बनाया था कुछ लोगों ने इस बात का विरोध किया था लेकिन आज इन लोगों से सीधी लड़ाई लड़ने का समय आ गया है । इतने बड़े हमले के बाद सारकार को कोई ठोस कदम उठाना ही होगा यदि सारकार आब भी कोई ठोस कदम नहीं उठती है तो इन लोगों के मनसूबे ओर भी मजबूत होगे ओर इससे बड़े हमले की तयारी करेगें जसी की खुफ्या रिपोर्ट भी है । इस हमले के बाद सारकार ने नकासल्वादियों के रस्ते पर रात कड़े समय ट्रेने नहीं चलाने के निर्णय लिया है। यह निर्णय कुछ समय के लिए तो ठीक है लेकिन यह समस्या कुछ समय के लिए नहीं है। आने वाले दिनों मैं यह समस्या ओर भी बढ़ेगी । नक्सलवादियों पर यदि समय रहते लगाम लगा दी गयी होती तो आज यह दिन नहीं देखने को मिलता । पिछले कुछ दिनों से खबरे आ रहीं है है की नकासल्वादियों ने अब अपना रुख सहरों की तरफ भी किया है यदि इन बातों मैं तनिक भी सच्चाई है तो मामला गंभीर है । सारकार को इस पर गंभीरता से ध्यान देना होगा। नक्सलवादी जिस तरह से हमले कर रहे है उसे देखते हुए सभी राजनितिक दलों को एक साथ आकर ठोस निर्णय लेना चाहिए ओर नक्सलवादियों दे सीधी लड़ाई लड़नी चाहिए ताकि नक्सलवादियों पर अंकुश लगाया जा सके.