नवी मुंबई नवी मुंबई के खारघर में 21 से 25 फरवरी को अखिल विश्व गायत्री परिवार द्वारा 1008 कुण्डीय अश्वमेध महायज्ञ का आयोजन हो रहा है। यह महायज्ञ अखिल विश्व गायत्री परिवार के प्रमुख श्रद्धेय डॉ प्रणव पण्ड्या जी एवं श्रद्धेया शैलदीदी के मार्गदर्शन में किया जा रहा है। महायज्ञ की तैयारी के लिए शांतिकंुज हरिद्वार से यज्ञशाला निर्माण टीम पहुंच चुकी है और यज्ञशाला के निर्माण कार्य में तन मन से जुटी है। बताते चलें कि यज्ञशाला निर्माण के लिए महाराष्ट्र, छत्तीगढ, गुजरात, मध्यप्रदेश, झारखंड, उप्र आदि राज्यों से स्वयंसेवक भाई बहिन कड़ी मेहनत कर रहे हैं। प्रभु श्रीराम के रीछ वानर की भांति एकनिष्ठ हो सेवाकार्य में लगे हैं। 4 फरवरी को प्रातः साढे नौ बजे से 1008 कुण्डीय यज्ञशाला में प्रारंभिक हवन कुण्ड का प्राकट्यीकरण पांच कुण्ड के विशेष पूजन के साथ किया जायेगा। इस हेतु शांतिकंुज से उच्च प्रशिक्षित आचार्यों की टीम मुंबई पहुंच चुकी है। यज्ञशाला निर्माण प्रभारी श्री कामता प्रसाद साहू ने बताया कि यज्ञशाला में 1008 कुण्ड होगा और वैदिक परंपरा अनुसार विभिन्न आकृतियों की विशेष हवन कुण्ड बनाये जायेंगे। अश्वमेध महायज्ञ समिति के प्रमुख श्री शरद पारधी ने बताया कि महाराष्ट्र के नवोन्मेष और प्रभु श्रीरामलला की स्थापना के साथ रामराज्य की ओर अश्वमेध महायज्ञ का प्रमुख उद्देश्य है।
Saturday, February 3, 2024
अश्वमेध महायज्ञ हेतु हवन कुण्ड का प्राकट्यीकरण पूजन 4 फरवरी को
नवी मुंबई नवी मुंबई के खारघर में 21 से 25 फरवरी को अखिल विश्व गायत्री परिवार द्वारा 1008 कुण्डीय अश्वमेध महायज्ञ का आयोजन हो रहा है। यह महायज्ञ अखिल विश्व गायत्री परिवार के प्रमुख श्रद्धेय डॉ प्रणव पण्ड्या जी एवं श्रद्धेया शैलदीदी के मार्गदर्शन में किया जा रहा है। महायज्ञ की तैयारी के लिए शांतिकंुज हरिद्वार से यज्ञशाला निर्माण टीम पहुंच चुकी है और यज्ञशाला के निर्माण कार्य में तन मन से जुटी है। बताते चलें कि यज्ञशाला निर्माण के लिए महाराष्ट्र, छत्तीगढ, गुजरात, मध्यप्रदेश, झारखंड, उप्र आदि राज्यों से स्वयंसेवक भाई बहिन कड़ी मेहनत कर रहे हैं। प्रभु श्रीराम के रीछ वानर की भांति एकनिष्ठ हो सेवाकार्य में लगे हैं। 4 फरवरी को प्रातः साढे नौ बजे से 1008 कुण्डीय यज्ञशाला में प्रारंभिक हवन कुण्ड का प्राकट्यीकरण पांच कुण्ड के विशेष पूजन के साथ किया जायेगा। इस हेतु शांतिकंुज से उच्च प्रशिक्षित आचार्यों की टीम मुंबई पहुंच चुकी है। यज्ञशाला निर्माण प्रभारी श्री कामता प्रसाद साहू ने बताया कि यज्ञशाला में 1008 कुण्ड होगा और वैदिक परंपरा अनुसार विभिन्न आकृतियों की विशेष हवन कुण्ड बनाये जायेंगे। अश्वमेध महायज्ञ समिति के प्रमुख श्री शरद पारधी ने बताया कि महाराष्ट्र के नवोन्मेष और प्रभु श्रीरामलला की स्थापना के साथ रामराज्य की ओर अश्वमेध महायज्ञ का प्रमुख उद्देश्य है।
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