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Sunday, March 31, 2024

आरपीएफ सहायक उपनिरीक्षक पांडेय सेवानिवृत्त


 

मुंब्रा. रेलवे सुरक्षा बल के सहायक उप निरीक्षक ओम प्रकाश राम प्रसाद पांडेय के सेवानिवृत्त होने पर मुंब्रा आरपीएफ कार्यालय में 31 मार्च को विदाई समारोह का आयोजन किया गया. ओम प्रकाश पांडेय 40 वर्षों तक सफलता पूर्वक सेवा देते हुए सेवानिवृत्त हुए. इस दौरान पांडेय को बधाई देने वालों का तांता लगा रहा. रविवार को आयोजित हुए विदाई समारोह में मुंब्रा निरीक्षक पवन कुमार ,दिवा के आरपीएफ के निरीक्षक गिरीश चंद्र तिवारी, उपनिरीक्षक सुभाष चंद्र शर्मा, जावेद शेख, प्रतिभा सालुंके, एसबी सिंह, प्रमोद कुमार सिंह, हिंदी दैनिक नवभारत के ठाणे प्रभारी राकेश पांडेय, राम प्रताप विश्वकर्मा, शिवशक्ति ब्रह्मांड कल्याण सेवा संस्था संस्थापक रामजी तिवारी, कैलाश नाथ दुबे, भरत तिवारी, भावेश तिवारी सहित बड़ी संख्या में स्थानीय लोग मौजूद थे. मालूम हो कि ओम प्रकाश पांडेय की आरक्षक के तौर पर पहली पोस्टिंग परेल वर्कशॉप में हुई थी. वर्ष 1984 में आरपीएफ में भर्ती हुए पांडेय मुंबई सहित उप नगरों के स्टेशनों पर तैनात रहे. वर्ष 2006 में हवलदार के तौर पर इनका प्रमोशन हुआ. इसके बाद वर्ष 2018 में सहायक उपनिरीक्षक पद पर इनकी पदोन्नति हुई. सहायक उपनिरीक्षक के पद पर कार्य करते हुए ओमप्रकाश पांडेय मुंब्रा आरपीएफ से रविवार 31 मार्च को सेवानिवृत्त हो गए. मुंब्रा आरपीएफ कार्यालय में विदाई समारोह में बधाई देने वालों का तांता लगा रहा.

Monday, March 18, 2024

अपने परिवार में अजीत पवार पड़े अलग थलग


 

अजित पवार ने बारामती में इन दिनों भावनात्मक अपील करते हुए नजर आ रहें हैं उन्होंने अपील करते हुए कहा है कि  मैं परिवार में अकेला रह जाऊंगा, आप मेरा साथ दें. जिसके बाद ये बात सामने आ रही है कि अजित पवार वाकई परिवार में अलग-थलग पड़ गए हैं. अजित पवार के करीबी भाई श्रीनिवास पवार ने अजित पवार के खिलाफ मोर्चा संभाल लिया है. सुप्रिया सुले की मुहिम में भाभी शर्मिला पवार भी शामिल हो गई हैं. अजित पवार ने कार्यकर्ताओं से अनुरोध किया कि उन्हें परिवार से अलग-थलग न किया जाए. तो अब चर्चा शुरू हो गई कि क्या अजित पवार को परिवारों को अलग-थलग कर दिया है.

अजित पवार बीजेपी में शामिल हो गए, लेकिन अजित पवार का बीजेपी में शामिल होना पवार परिवार को पसंद नहीं आया. तो अब अजित पवार के छोटे भाई श्रीनिवास पवार और उनकी पत्नी शर्मिला पवार ने अजित पवार के खिलाफ और सुप्रिया सुले के समर्थन में प्रचार शुरू कर दिया है इससे एक बार फिर राजनीति में सियासी घमासान की चर्चा होने लगी है.

चाचा के खिलाफ भतीजा
अजित पवार ने जो कहा था वह अब सच होता दिख रहा है. सबसे पहले अजित पवार के खिलाफ उनके भतीजे युगेंद्र पवार मैदान में उतरे. शरद पवार के जन्मदिन के मौके पर युगेंद्र पवार ने बारामती में एक भव्य कुश्ती का आयोजन किया. इसके बाद अब योगेन्द्र पवार सीधे बारामती में चुनाव प्रचार करते नजर आ रहे हैं. सुप्रिया सुले ने बारामती में कहा था कि हर चुनाव की तरह, पवार परिवार से मेरे भाई और भाभी मेरे लिए प्रचार करेंगे और वही हुआ।

बारामती से पत्र वायरल
इसी बीच सोशल मीडिया पर 'बारामती  की भूमिका' शीर्षक से एक पत्र वायरल हो गया. इसमें सीधे तौर पर पवार परिवार के अंदरूनी मामले उजागर हुए और राजेंद्र पवार ने सीधे तौर पर अजित पवार पर निशाना साधा. राजेंद्र पवार के बाद सुनंदा पवार और साई पवार को इंदापुर में चुनाव प्रचार करते देखा गया.

पूरा परिवार अजित पवार के खिलाफ है
अजित पवार की भावनात्मक अपील के बाद सुप्रिया सुले के लिए प्रचार करने के लिए पवार परिवार के अन्य सदस्य मैदान में उतर गए हैं. युगेंद्र पवार, सुनंदा पवार, साई पवार राजेंद्र पवार और अब शर्मिला और श्रीनिवास पवार प्रचार में उतर आए हैं और सीधे तौर पर अजित पवार की आलोचना करने लगे हैं. रोहित पवार पहले ही अपने चाचा के खिलाफ मोर्चा संभालते नजर आ चुके हैं.

इंदापुर और पुरंदर में विरोध
एक तरफ बीजेपी और अजित पवार सुप्रिया सुले का तख्तापलट करने के लिए कमर कस रहे हैं. वहीं, अब महागठबंधन के नाम भी सामने आने लगे हैं. एक तरफ इंदापुर में हर्षवर्धन पाटिल तो दूसरी तरफ पुरंदर में विजय शिवतारे अजित पवार का विरोध करते नजर आ रहे हैं. विजय शिवतारे ने घोषणा की कि वह बारामती लोकसभा क्षेत्र से सीधे चुनाव लड़ेंगे. इसलिए तस्वीर यह है कि आने वाले समय में सुनेत्रा पवार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।


यह चर्चा जोर पकड़ रही है कि सुप्रिया सुले के खिलाफ सुनेत्रा पवार चुनाव लड़ेंगी. बारामती में सुनेत्रा पवार का प्रचार अभियान भी शुरू हो गया है. इस अभियान में सुनेत्रा पवार और जय पवार घर-घर जाकर लोगों से मिल रहे हैं. चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि शरद पवार की हार महत्वपूर्ण है.

श्रीनिवास पवार अब सीधे तौर पर अजित पवार के खिलाफ मैदान में उतर गए हैं. इसलिए अजित पवार के समर्थक श्रीनिवास पवार का विरोध कर रहे हैं. वहीं शरद पवार के समर्थक श्रीनिवास पवार का समर्थन करते नजर आ रहे हैं.

अजित पवार शरद पवार की उंगली पकड़कर राजनीति में आए थे, लेकिन अब अजित पवार ने अपने चाचा का साथ छोड़ दिया है. जिस शरद पवार ने अजित पवार को राजनीति की ट्रेनिंग दी, अजित पवार ने अपने चाचा का साथ छोड़ दिया.  

Thursday, March 14, 2024

नवी मुंबई में विजय चौगुले और गणेश नाईक के बीच आखिर कैसे मधुर होंगे रिश्ते ?


 

यहाँ मतभेद नहीं बल्कि मनभेद का विवाद है 

मनीष अस्थाना
नवी मुंबई में भाजपा नेता गणेश नाईक और शिवसेना जिला प्रमुख विजय चौगुले के बीच रिश्ते दिन ब दिन खराब होते जा रहें हैं राज्य में भाजपा शिवसेना की सरकार होने के बावजूद आपसी रिश्तों को सुधारने का कोई प्रयास नहीं किए जा रहें और न ही दोनो दलों के वरिष्ठ नेता दोनों लोगों के बीच रिश्तों को सुधारने में गंभीर दिखाई दे रहें है। जिसकी वजह से दोनों लोगों के बीच विवाद बढ़ता ही जा रहा है। बढ़ते विवाद के कारण अब एक दूसरे के समर्थक भी खुलकर सामने आने लगे हैं जिसकी वजह से विवाद और भी तूल पकड़ रहा है। 

इन दिनों जिस तरह से दोनो के बीच वाद विवाद चल रहा है उसके बाद नवी मुंबई में इस बात की जोरदार चर्चा की जा रही है कि मतभेद तो किसी तरह दूर किए जा सकते हैं लेकिन मनभेद को दूर नहीं किया जा सकता है । गणेश नाईक और शिवसेना जिला प्रमुख विजय चौगुले के बीच मनभेद है जिसे कोई भी वरिष्ठ नेता दूर नहीं कर सकता है और यही बात दोनों पार्टियों के लिए नुकसानदायक साबित होगी। इन दोनों लोगों के बीच कोई नया विवाद नहीं है विवाद काफी पुराना है। जिसे सुलझाने के कोई प्रयास अतीत में नहीं किए गए जिसकी वजह से दोनों के बीच मनभेद गहरे ही होते चले गए। देखा जाए तो एकनाथ शिंदे की शिवसेना में गणेश नाईक के विरोधी सिर्फ विजय चौगुले ही नहीं बल्कि किशोर पाटकर , सुरेश कुलकर्णी भी हैं जो खुलकर नाईक परिवार का विरोध करते हुए देखे जाते हैं। लेकिन विजय चौगुले और गणेश नाईक के बीच मनभेद कुछ अधिक है शायद इसलिए यह दोनों लोग एक दूसरे की निजी जिंदगी को लेकर भी एक दूसरे पर हमलावर रहते हैं।  

इन दिनों गणेश नाईक के बेटे संजीव नाईक लोकसभा टिकट को लेकर दावेदार बने है ऐसे में पार्टी की जीत के लिए दोनो के बीच सामंजस्य होना बेहद जरूरी है ।गणेश नाईक और विजय चौगुले के बीच वाकयुद्ध कोई पहली बार नहीं छिड़ा है इससे पहले भी दोनों के बीच वाकयुद्ध होते रहे हैं। इसी आपसी मनभेद की वजह से राज्य में भाजपा - शिवसेना की सरकार होने के बावजूद एकनाथ शिंदे की शिवसेना के नेता कभी भी गणेश नाईक के साथ एक मंच पर नहीं आए हालांकि कई मौके ऐसे आए जब मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे नवी मुंबई में मनपा के कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए आये लेकिन उन कार्यक्रमों में विजय चौगुले दिखाई नहीं दिए। ठाणे लोकसभा सीट से गणेश नाईक के पुत्र संजीव नाईक की दावेदारी के बाद नवी मुंबई में एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने दबी जुबान से विरोध करना भी शुरू कर दिया गया। कुछ दिनों पहले नवी मुंबई में एकनाथ शिंदे की शिवसेना के पदाधिकारी ऐरोली में राजन विचारे के साथ एक मंच पर मौजूद थे , इससे इस बात के भी कयास लगाए जा रहे हैं कि यदि लोकसभा का टिकट संजीव नाईक को पार्टी दे देती है तो एकनाथ शिंदे की शिवसेना के पदाधिकारी राजन उद्धव ठाकरे की शिवसेना के प्रत्याशी राजन विचारे के लिए काम करने में तनिक भी संकोच नहीं करेंगे जिसका नुकसान भाजपा को उठाना पड़ सकता है। 

अभी कुछ दिनों पहले दीघा में मनपा के एक स्कूल के उद्घाटन को लेकर जिस तरह का माहौल बना और विजय चौगुले तथा गणेश नाईक के बीच जिस भाषा का इस्तेमाल किया गया वह दोनों दलों को आगे बढ़ाने वाली कतई नहीं थी। उसके बाद गणेश नाईक के समर्थकों ने खुलकर कहना शुरू कर दिया है कि विजय चौगुले का व्यवहार गठबंधन के लिए ठीक नहीं है , कुछ इसी तरह के आरोप गणेश नाईक पर भी लगाए जा रहें हैं। गणेश नाईक की तरफ से अनंत सुतार ने मोर्चा संभाल रखा है जबकि विजय चौगुले अपना मोर्चा खुद संभाले हुए हैं। 

'कमल पर चुनाव लड़ें'; बीजेपी के प्रस्ताव पर राज ठाकरे का तीखा जवाब

 



मुंबई: आगामी लोकसभा चुनाव की पृष्ठभूमि में इस समय राजनीतिक गलियारों में बीजेपी-एमएनएस गठबंधन की जमकर चर्चा हो रही है. लेकिन अभी तक यह साफ नहीं है कि एमएनएस लोकसभा चुनाव लड़ेगी या नहीं. इसी तरह जानकारी सामने आई है कि बीजेपी ने एमएनएस को लोकसभा चुनाव के लिए 1 से 2 सीटों पर चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दिया है. लेकिन बीजेपी और शिवसेना ने यह चुनाव कमल के निशान पर लड़ने की मांग की है. लेकिन इस प्रस्ताव को मनसे ने खारिज कर दिया है  लेकिन सूत्रों ने जानकारी दी है कि बीजेपी फिर से एमएनएस के पास प्रस्ताव भेजने की तैयारी कर रही है। 

उल्लेखनीय है कि आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. पिछले कई दिनों से मनसे के महागठबंधन में शामिल होने की चर्चा चल रही है. उधर, मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने आदेश दिया है कि लोकसभा चुनाव लड़ना है या नहीं, इसका फैसला मैं अगले तीन से चार दिनों में करूंगा, लेकिन तब तक आप काम करते रहिए. ऐसे में जानकारी सामने आई है कि महायुति ने एमएनएस को 1 से 2 सीटों पर चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दिया है. लेकिन राज ठाकरे ने बीजेपी के सिंबल पर चुनाव लड़ने के महागठबंधन के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है इसलिए महागठबंधन की ओर से एमएनएस को नया प्रस्ताव दिये जाने की संभावना है. सूत्रों ने एक-दो दिन में फिर से नया प्रस्ताव दिये जाने की संभावना जतायी है.

कुछ दिन पहले मनसे प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की थी. ऐसा देखा जा रहा है कि मनसे को कैसे साथ लिया जा सकता है, इसके लिए वरिष्ठ स्तर पर चर्चा चल रही है. इसके साथ ही कुछ दिन पहले उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी कहा था कि मनसे और हमारी स्थिति में ज्यादा अंतर नहीं है. देवेंद्र फडणवीस ने कहा था, ''मनसे द्वारा अपनाया गया व्यापक रुख हमारे साथ असंगत नहीं है। इसलिए, हम क्षेत्रीय पहचान को स्वीकार करते हैं। हमें महाराष्ट्र में रहते हुए मराठी लोगों के मुद्दों को उठाना चाहिए। हमने यह भी महसूस किया कि एक व्यापक रुख होना चाहिए। 

अटल सेतु से बेहतरीन बस यात्रा; बस का नंबर क्या है, टिकट के दाम कितने हैं?

 


नवी मुंबई।  मुंबई और नवी मुंबई को जोड़ने वाले ट्रांस हार्बर लिंक रोड यानी अटल सेतु से, जिसे देश का अब तक का सबसे लंबा समुद्री पुल कहा जाता है। साल 2024 की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शहर में इस महत्वाकांक्षी परियोजना का उद्घाटन किया. उसके बाद से कई वाहन इस अटल पुल पर आवागमन करने और अपने इच्छित गंतव्य तक पहुँचते थे। यह अटल सेतु शहर में यातायात की भीड़ को कम करने और यात्रा के समय को बड़े अंतर से कम करके कई लोगों के लिए फायदेमंद साबित हुआ। अब इस मार्ग पर बेस्ट बस का सफर भी शुरू हो गया है.

गुरुवार (आज) से BEST की ओर से यात्री बस सेवा इस अटल सेतु मार्ग से शुरू हो गई है, जो नवी मुंबई को मुंबई के मुख्य शहर से सीधे जोड़ता है। यह बस वर्ल्ड ट्रेड सेंटर (मुंबई) से कोकण भवन (सीबीडी बेलापुर) के रूट पर चलेगी।

अटल सेतु के उद्घाटन के बाद से ही इस रूट पर BEST की बस सेवा शुरू करने की मांग की जा रही थी . जिसके बाद कई बातों पर विचार करते हुए BEST ने बस संख्या S-145 बस सेवा शुरू करने का निर्णय लिया. दरअसल, इस यात्रा को शुरू करने से पहले BEST की ओर से इस रूट का परीक्षण किया गया और उसी के अनुसार यह फैसला लेकर बस सेवा शुरू की गयी। 

उक्त निर्णय के बाद अब यह बस सेवा सोमवार से शनिवार तक यात्रियों की सेवा में शामिल होगी. दिन की पहली बस कोकण भवन सीबीडी से सुबह 7.30 और 8 बजे रवाना होगी। तो, बस वर्ल्ड ट्रेड सेंटर से शाम 5:30 बजे और 6 बजे रवाना होगी।

अटल सेतु से बसों का रूट क्या होगा?
वर्ल्ड ट्रेड सेंटर → यशवंतराव चव्हाण फाउंडेशन (मंत्रालय) → डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी चौक → छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (जीपीओ) → ईस्ट फ्रीवे अटल सेतु → उल्वे नोड → किल्ले गाँव थन → बामन डोंगरी रेलवे स्टेशन → कोकण भवन सीबीडी बेलापुर

वर्ल्ड ट्रेड सेंटर से कोकण भवन सीबीडी तक पूरी यात्रा के लिए बस किराया वर्तमान में 225 रुपये है। तो, इस बस यात्रा के लिए न्यूनतम किराया 50 रुपये होगा। बेस्ट प्रशासन की ओर से यात्रियों से इस बस सेवा का लाभ उठाने की अपील की जा रही है, जिसे यात्रियों की मांग को ध्यान में रखते हुए शुरू किया गया है.

Wednesday, March 13, 2024

उलवे में बामन डोंगरी हाउसिंग कॉम्प्लेक्स में 243 दुकानें बेच रही सिडको


 

ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया आज से शुरू 


नवी मुंबई। सिडको ने नवी मुंबई के उल्वे नोड में बामन डोंगरी हाउसिंग कॉम्प्लेक्स में 243 दुकानें बेचने की योजना की घोषणा की है। इस योजना के तहत उल्वे नोड में व्यवसायियों के लिए 243 दुकानें उपलब्ध कराई गई हैं।  सिडको द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार इस योजना के माध्यम से, सिडको के उल्वे नोड में बामन डोंगरी हाउसिंग कॉम्प्लेक्स में 243 दुकानों को ई-टेंडरिंग और ई-नीलामी प्रक्रिया के माध्यम से बिक्री के लिए उपलब्ध कराया गया है। उक्त प्रक्रिया के लिए एक वेबसाइट https://eauction.cidcoindia.com/ उपलब्ध कराई गई है। योजना के लिए ऑनलाइन पंजीकरण की अवधि 14 मार्च 2024 से 13 अप्रैल 2024 तक है। योजना का परिणाम 15 अप्रैल 2024 को घोषित किया जाएगा।

पता हो कि उल्वे नोड को रेल और सड़क मार्ग से अच्छी कनेक्टिविटी से जोड़ा गया है। बामन  डोंगरी में सिडको हाउसिंग कॉम्प्लेक्स की नेरुल-उरण उपनगरीय रेलवे लाइन पर बामांडोंगरी स्टेशन के माध्यम से कनेक्टिविटी है। साथ ही, इस हाउसिंग कॉम्प्लेक्स का क्षेत्र MATHL समुद्री पुल से कुछ दुरी पर है । नवी मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा और जेएनपीटी पोर्ट सभी बुनियादी सुविधाओं से परिपूर्ण इस क्षेत्र के विकास के लिए प्रेरक कारक होंगे।

सिडको आवासीय एवं वाणिज्यिक भूखंडों, दुकानों, वाणिज्यिक परिसरों की बिक्री के लिए लगातार योजनओं पर काम कर रहा है । अब तक लागू की गई योजनाएं नागरिकों, से अच्छी प्रतिक्रिया मिली है. इस योजना के माध्यम से उल्वे क्षेत्र में व्यापार वृद्धि के अवसर व्यवसायियों के लिए उपलब्ध कराए गए हैं और विशेष रूप से मध्यम और छोटे व्यवसायियों के लिए यह योजना बहुत उपयोगी है। हालांकि, सिडको ने अपील करते हुए कहा है कि ज्यादा से ज्यादा प्रोफेशनल्स इस स्कीम का फायदा उठाएं.  

“सिडको ने नवी मुंबई में उल्वे नोड के तेजी से विकसित हो रहे क्षेत्र में दुकानें बेचने की योजना प्रस्तुत की है। विशेष रूप से छोटे और मध्यम व्यापारियों के लिए यह योजना बहुत उपयोगी होगी और मैं अधिक से अधिक व्यापारियों से इस योजना का लाभ उठाने का आग्रह करता हूं।
 विजय सिंघल
उपाध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक
 


सिडको की अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए दो नए मार्गों की योजना


 

नवी मुंबई। नवी मुंबई मेट्रो प्रोजेक्ट लाइन 1  शुरू होने के बाद, सिटी एंड इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (सिडको) नवी मुंबई एयरपोर्ट इन्फ्लुएन्स नोटिफाइड एरिया (NAINA) में दो नए मार्गों के साथ अपने मेट्रो नेटवर्क का विस्तार करने की योजना बनाई है। इन मार्गों को निर्माणाधीन नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और व्यापक शहर तक कनेक्टिविटी बढ़ाने के उद्देश्य से डिजाइन किया गया है। यह कदम क्षेत्र के लिए सिटी और सिडको की व्यापक गतिशीलता योजना का हिस्सा है।

मेट्रो विस्तार के लिए 690 करोड़ का बजट 
जानकारी के अनुसार सिडको ने इन परियोजनाओं के लिए आगे बढ़ाने के लिए एक सलाहकार नियुक्त करने के लिए निविदा प्रक्रिया शुरू की है। माना जा रहा है कि सिडको का यह कदम केंद्र सरकार से अनुदान सुरक्षित करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण प्रयास  है। सिडको के उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक विजय सिंघल ने हाल ही में प्रस्तुत वार्षिक बजट में नैना क्षेत्र के विकास के लिए 539.37 करोड़ रुपये और क्षेत्र में मेट्रो विस्तार के लिए 690 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। नवी मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के 25 किमी के दायरे में 174 गांवों को शामिल करते हुए, नैना 371 वर्ग किमी को कवर करता है।

पनवेल तथा तलोजा के लोगों को होगी सुविधा 
सिडको ने नैना क्षेत्र के भीतर कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए दो नए मेट्रो मार्गों का प्रस्ताव दिया है। पहले मार्ग की योजना उल्वे तटीय सड़क से रायगढ़ के अंबिवली तक बनाई गई है, जिसमें नैना क्षेत्रों से हवाई अड्डे तक कनेक्टिविटी में तेजी लाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। विचाराधीन दूसरा प्रस्तावित मार्ग कलंबोली-चिखले-कोन कॉरिडोर है। नवी मुंबई हवाई अड्डे के प्रभाव अधिसूचित क्षेत्र और हवाई अड्डे के बीच कनेक्टिविटी बढ़ाने के अलावा, इस मार्ग का उद्देश्य तलोजा एमआईडीसी, पनवेल और पड़ोसी क्षेत्रों जैसे प्रमुख स्थानों तक पहुँचने में आसानी हो जाएगी। 

केंद्र सरकार देगी 20 प्रतिशत अनुदान 
इस बारे में सिडको के जनसंपर्क अधिकारी (नैना), मोहन निनावे ने बताया कि तलोजा से हवाई अड्डे (लाइन 2, 3, और 4), बेलापुर से मानखुर्द (लाइन 8 ए), और हवाई अड्डे से बेलापुर (लाइन 1 ए) तक कनेक्शन बनाए जा रहे हैं।  उन्होंने बताया कि "नवी मुंबई मेट्रो लाइनों द्वारा तय की गई कुल दूरी 40 किमी है, और नैना में यह 30 किमी होगी, जो कुल 70 किमी होगी। मोहन निनावे के अनुसार, केंद्र सरकार से 20 प्रतिशत अनुदान की उम्मीद है। 

निनावे ने प्रस्तावित मेट्रो लाइनों के औचित्य के लिए सरकार की मेट्रो रेल नीति के अनुसार बनाई जाने वाली योजना के बारे में बताया । सिडको ने सीएमपी तैयार करने के लिए सलाहकारों को नियुक्त करने के लिए निविदा प्रक्रिया शुरू कर दी है। एक बार सीएमपी को अंतिम रूप दिए जाने के बाद, सिडको परियोजना के वित्तीय अनुदान के लिए के लिए केंद्र सरकार से संपर्क किया जाएगा। 

Thursday, March 7, 2024

ठाणे लोकसभा सीट पर अपनी दावेदारी मजबूत करने में जुटे विनय सहस्त्रबुद्धे

 


भाजपा को सीट मिली तो संजीव नाईक भी दावेदार 

मनीष अस्थाना 
नवी मुंबई। ठाणे लोकसभा चुनाव जीतने के लिए किसी भी प्रत्याशी के लिए नवी मुंबई की दोनों विधानसभा सीटें खासी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह दोनों सीटें किसी भी प्रत्याशी की हार जीत में अपनी निर्णायक भूमिका अदा करेंगी , इसीलिए भाजपा के दोनों दावेदार पूर्व सांसद विनय सहस्त्रबुद्धे और गणेश नाईक के पुत्र तथा पूर्व सांसद संजीव नाईक यह दोनों लोग नवी मुंबई में अपना जनसम्पर्क बढ़ाते हुए अपनी अपनी दावेदारी मजबूत करने में लगे हुए हैं। हालांकि ठाणे लोकसभा सीट एकनाथ शिंदे की शिवसेना को मिलेगी या फिर भाजपा के खाते में जाएगी इस बात का पता सीट बटवारे के बाद चलेगा। लेकिन इन दोनों दावेदारों ने अपना जनसंपर्क मजबूत करने का काम शुरू कर दिया है। 

उल्लेखनीय है कि विनय सहस्रबुद्धे राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े हुए हैं और एक बार राज्यसभा से सांसद भी रह चुके हैं , साथ ही अनुभवी व्यक्ति के रूप में जाने जाते हैं जबकि भाजपा के दूसरे दावेदार संजीव नाईक नवी मुंबई के दिग्गज नेता माने जाने वाले गणेश नाईक के पुत्र हैं , संजीव नाईक भी एक बार एनसीपी के टिकट पर ठाणे लोकसभा का चुनाव जीत कर सांसद रह चुके हैं। उल्लेखनीय है कि राज्य में जब एनसीपी और कांग्रेस की सरकार थी और गणेश नाईक मंत्री हुआ करते थे उस समय नवी मुंबई में नाईक परिवार की तूती बोला करती थी ठाणे जिले के अन्य हिस्सों में भी गणेश नाईक की गिनती दिग्गज नेताओं में की जाती थी। लेकिन 2014 के बाद गणेश नाईक का राजनीतिक साम्राज्य में दरारें पड़नी शुरू हो गयी। उनके बहुत से अपने लोगों ने नाईक परिवार से किनारा कर लिया। 

2014 की हार के बाद गणेश नाईक ने 2019 में भाजपा के साथ जाने का निर्णय लिया और अपने पूरे दलबल के साथ भाजपा में चले गए और ऐरोली से विधानसभा का चुनाव लड़ा। हालांकि उस समय गणेश नाईक बेलापुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन उन्हें बेलापुर से टिकट नहीं मिला जबकि ऐरोली विधानसभा सीट से उनके पुत्र संदीप नाईक को पार्टी ने टिकट दिया लेकिन संदीप नाईक के मना करने के बाद ऐरोली विधानसभा से गणेश नाईक को टिकट दिया गया और वे जीत भी गए। जीतने के बाद भाजपा में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए जी तोड़ मेहनत करते हुए दिखाई देने लगे। 2022  में शिवसेना में बगावत होने के बाद जब राज्य में भाजपा - शिवसेना एकनाथ शिंदे की सरकार बनी तो उन्हें पूरा विश्वास था कि उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा लेकिन उन्हें मंत्रिमंडल में स्थान नहीं मिला बल्कि उन्हें नवी मुंबई में संगठन को मजबूत करने का काम दिया गया। 

जिस दिन से गणेश नाईक ने भाजपा का झंडा पकड़ा था उसी दिन से नवी मुंबई भाजपा में दो गुट बन गए थे एक गुट गणेश नाईक का तथा दूसरा गुट मंदा म्हात्रे का , यह गुटबाजी आज भी नवी मुंबई भाजपा में बरक़रार है। हालांकि कुछ लोगों के विरोध के बाद भी गणेश नाईक अपने बेटे संदीप नाईक को नवी मुंबई भाजपा का अध्यक्ष बनाने में कामयाब हो गए इसके बाद पूरा नाईक परिवार पार्टी को मजबूत करने के सहारे अपनी खोई राजनीतिक पृष्ठभूमि को मजबूत करने में जुट गया साथ ही संजीव नाईक को बतौर ठाणे लोकसभा प्रत्याशी के रूप में पेश किया जाने लगा। हालांकि राजनीतिक गलियारे में इस बात की चर्चा की  जा रही है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी परिवारवाद का विरोध करते हैं ऐसे में जब एक ही परिवार का कोई व्यक्ति विधायक हो और एक पार्टी का जिला अध्यक्ष तो फिर उसी परिवार के व्यक्ति को लोकसभा का टिकट कैसे मिल सकता है ? यही बात भाजपा के दूसरे दावेदार विनय सहस्रबुद्धे के लिए संजीवनी साबित हो सकती है। 

वैसे नवी मुंबई में जो लोग एकनाथ शिंदे की शिवसेना के साथ है वे लोग गणेश नाईक के कट्टर विरोधी है वे लोग किसी भी कीमत पर नाईक परिवार को समर्थन नहीं करेंगे , चर्चा है कि यदि भाजपा संजीव नाईक को टिकट दे भी देती है तो नाईक विरोधी उद्धव ठाकरे के लिए काम कर सकता है यदि ऐसा होता है तो भाजपा को एक सीट का नुकसान झेलना पड़ेगा। सूत्रों का कहना है कि भाजपा इन सभी पहलुओं पर भी गंभीरता पूर्वक विचार कर रही है। माना जा रहा है इस आंतरिक विरोध का फायदा विनय सहस्रबुद्धे को मिलेगा इसलिए वे नाईक के साथ साथ मंदा म्हात्रे के कार्यक्रमों में शिरकत करते हुए दिखाई देने लगे हैं। 
 

कुत्ते का पट्टा बता देगा, मैंने ले ली वैक्सीन...; कुत्ते की गर्दन पर क्यूआर कोड, क्या है अवधारणा?

 



नवी मुंबई।  पनवेल में आवारा कुत्तों के गले में मनपा का क्यूआर कोड वाला कॉलर बेल्ट लगाया जाएगा. टीकाकरण टीम की सुविधा के लिए यह बेल्ट प्रत्येक कुत्ते के गले में बांधी जाएगी। इसलिए, पनवेल में लगभग 17,500 कुत्तों को रेबीज टीकाकरण के बाद पट्टे बाँध दिए जाएंगे। मुंबई और पुणे मनपा के बाद पनवेल यह प्रयोग करने वाला राज्य का तीसरी महानगरपालिका बन जाएगी । इस योजना पर 1 करोड़ 48 लाख रुपये का खर्च आने की बात कही गयी है। 
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने भारत को रेबीज मुक्त बनाने का संकल्प लिया है। वर्ष 2030 तक भारत को रेबीज से मुक्त करने का प्रयास किया जा रहा है ताकि उसके बाद कोई भी नागरिक रेबीज से संक्रमित न हो। केंद्र सरकार के अभियान की तर्ज पर, पनवेल मनपा का स्वास्थ्य विभाग मनपा सीमा के भीतर शून्य रेबीज कार्यक्रम लागू करेगा। NAPRE 2030 के तहत सभी कुत्तों और बिल्लियों को रेबीज का टीका देकर लोगों में जागरूकता फैलाने का प्रयास किया जाएगा। पनवेल मनपा टीकाकरण के लिए एक निजी एजेंसी नियुक्त करने जा रहा है इस एजेंसी के माध्यम से  17 हजार 500 कुत्तों का टीकाकरण किया जाएगा। वर्तमान में पनवेल में 500 कुत्तों को पायलट आधार पर टीका लगाया गया है। टीका लगाने के लिए नगर पालिका एक करोड़ 48 लाख रुपये खर्च करेगी और यह अभियान एक निजी एजेंसी के माध्यम से चलाया जाएगा.
QR कोड के फायदे
क्यूआर कोड न केवल रेबीज टीकाकरण के बारे में जानकारी प्रदान करेगा, बल्कि संबंधित कुत्ते का विवरण, पहचान, लिंग, रंग, पहचान चिह्न, टीकाकरण, स्थान के बारे में संयुक्त जानकारी मनपा के स्वास्थ्य विभाग को आसानी से उपलब्ध होगी। कुत्ता किस इलाके में घूमता है इसकी जानकारी भी आपको मिल जाएगी. कुत्ते के मरने के बाद भी उसकी जानकारी लोकेशन सहित मनपा को मिलती रहेगी।
849 प्रति बेल्ट
स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि एक कुत्ते के पट्टे के लिए नगर निगम प्रति कुत्ते 849 करोड़ रुपये खर्च करेगा. प्रशासक के रूप में मनपा आयुक्त गणेश देशमुख ने इस खर्च को मंजूरी दे दी है.

मनपा ने यह पहल इसलिए की है ताकि मनपा क्षेत्र के नागरिकों का स्वास्थ्य अच्छा रहे और रेबीज के कारण किसी को मौत का सामना न करना पड़े. इसके लिए कुत्ता प्रेमियों को सहयोग करना चाहिए.
- डॉ। आनंद गोसावी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी

Wednesday, March 6, 2024

सिडको की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं के लिए 11 हजार 839 करोड़ का प्रावधान


 

नवी मुंबई हवाई अड्डा , गृहनिर्माण परियोजना , नैना शहर का होगा विकास 
जल आपूर्ति योजनाओं पर भी किया जाएगा काम , 11 हजार 902 करोड़ का बजट पेश 
नवी मुंबई। सिडको के उपाध्यक्ष तथा प्रबंध निदेशक विजय सिंघल ने वर्ष 2024 - 25 के लिए 11 हजार 902 करोड़ का बजट पेश किया। पेश किए गए बजट में 11 हजार 839 करोड़ रुपए सिडको की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं के विकास में खर्च करने का प्रावधान किया गया है। 
वर्ष 2024 - 25 का बजट पेश करते हुए सिडको के प्रबंध निदेशक विजय सिंघल ने कहा कि सिडको की नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट , नैना , महागृहनिर्माण परियोजना तथा कई अन्य परियोजनाओं को पूरा करने का काम तेज गति से किया जा रहा है। सिडको आने वाले वर्ष में शहर से कनेक्टिविटी बढ़ाने , पानी की आपूर्ति जैसी परियोजनाओं पर काम कर रही है , विजय सिंघल ने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि नवी परियोजनाओं से आम नागरिकों को बड़ी राहत मिलेगी।

सिडको ने विशेष बजट पेश कर भविष्य के लिए चुनौतीपूर्ण लक्ष्य रखा है. शहरी विकास के क्षेत्र में एक अग्रणी प्राधिकरण के रूप में, सिडको 50 से अधिक वर्षों से सफल रहा है और शहर के विकास के लिए प्रतिबद्ध है, सिडको ने अपनी महत्वाकांक्षी परियोजनाओं के माध्यम से अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति की है। विकास के लिए प्रतिबद्ध, सिडको ने नवी मुंबई और सिडको क्षेत्राधिकार के नागरिकों को अधिक पारदर्शी और सुलभ तरीके से सेवाएं प्रदान करने के लिए ई-गवर्नेंस के लक्ष्य को काफी हद तक हासिल कर लिया है।
नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, नैना (नवी मुंबई हवाई अड्डा प्रभाव अधिसूचित क्षेत्र), नोडल वर्क्स, नवी मुंबई मेट्रो परियोजना, जल आपूर्ति योजना, ठाणे क्लस्टर विकास, उल्वे तटीय रोड, खारघर-तुर्भे लिंक रोड, रेलवे, पालघर जिला मुख्यालय, कॉर्पोरेट परियोजनाएं और न्यू सिटी प्रोजेक्ट जैसी परियोजनाओं के लिए रु. 11,839.29 करोड़ रुपये उपलब्ध कराए गए हैं।

सिडको ने अपने बजट में  जिन जिन परियोजनाओं के लिए राशि आबंटित की है वे इस प्रकार हैं 
  राशि (करोड़)
1 आवास रु. 4018.74
2 हवाई अड्डा रु. 977.15
3 नोडल लोक निर्माण (नोडल कार्य) रु. 811.90
4 जलापूर्ति रु. 730.16
5 मेट्रो रु. 610
6 नैना रु. 569.37
7 ठाणे एकीकृत विकास (ठाणे क्लस्टर) रु. 400.23
8 उल्वे समुद्री मार्ग रु. 400.22
9 खारघर तुर्भे लिंक रोड रु. 300.00
10 रेलवे रु. 284.28
11 पालघर परियोजना रु. 118.65
12 कॉर्पोरेट परियोजनाएं रु. 24.40
13 नये शहर रु. 603.59
14 अन्य रु. 1990.60
कुल रु. 11839.29

सिडको के प्रबंध निदेशक विजय सिंघल ने कहा कि सिडको ने अब तक कई चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना किया है। और देश के विकास के प्रति जिम्मेदारी और जवाबदेही की उसी भावना के साथ 2024-25 के लिए अधिकतम रु. 11,839.29 करोड़ (व्यय) और रु. 11902.69 करोड़ (जमा) का बजट पेश किया गया है. वर्ष 2023-2024 के लिए संशोधित बजट रुपये अनुमानित है। सिडको का लक्ष्य बजट पारदर्शिता, जवाबदेही, अच्छी लेखांकन प्रथाओं और सिडको के प्रदर्शन के सिद्धांतों के माध्यम से प्रगति हासिल करना है।

Tuesday, March 5, 2024

124 गांवों की तीसरी मुंबई; अटल सेतु के पास नया शहर बसाने का काम शुरू

 



नवी मुंबई। मुंबई और नवी मुंबई दोनों शहरों की जनसंख्या बढ़ रही है। तीसरी मुंबई बनाने का काम शुरू किया जा चुका है . राज्य सरकार ने इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है. अटल सेतु के पास 124 गांवों के साथ तीसरी मुंबई बनाई जाएगी। 

उल्लेखनीय है कि तीसरे मुंबई के लिए, नवी मुंबई हवाईअड्डा क्षेत्र (नैना) में 80 गांवों और खोपटा नवनगर अधिसूचित क्षेत्र में 33 गांवों के लिए सिडको को नियुक्त किया गया था। हालांकि, अब वह नियुक्ति रद्द कर दी गई है और यह जिम्मेदारी एमएमआरडीए को दे दी गई है। तीसरी मुंबई के लिए राज्य सरकार एमएमआरडीए के माध्यम से 124 गांवों की जमीन का अधिग्रहण करेगी जमीन अधिग्रहण किये जाने का काम शुरू किया जा चुका है। इसमें 124 गांव शामिल हैं। 
अटल सेतु से आगे एनटीडीए (न्यू टाउन डेवलपमेंट अथॉरिटी - एनटीडीए) के तहत 124 गांवों के विकास की योजना एमएमआरडीए के माध्यम से तैयार की जा रही है। न्हावा शिवडी सी लिंक यानी एमटीएचएल से आगे 124 गांवों के 323 चौकिमी इलाके में तीसरी मुंबई बनाई जाएगी. इसके लिए सिडको निदेशक मंडल ने नैना क्षेत्र के 80 गांवों को बाहर करने की मंजूरी दे दी है। इसके बाद एमएमआरडीए ने एमटीडीए के तहत तीसरे मुंबई क्षेत्र के विकास को भी मंजूरी दे दी है।

यहां हाईटेक सुविधाएं होंगी
तीसरा मुंबई पनवेल, उरण के बीच बनेगा। पनवेल, उरण तालुका के इन गांवों का तेजी से विकास होने वाला है। इसलिए इस क्षेत्र में भी अत्याधुनिक सुविधाओं का निर्माण किया जाएगा। मुंबई-नवी मुंबई की तरह तीसरी मुंबई का भी विकास किया जाएगा। तीसरा, मुंबई में व्यावसायिक परिसर, स्कूल, अस्पताल, मैदान जैसी अत्याधुनिक सुविधाओं का निर्माण किया जाएगा।

मुंबई को जोड़ने वाली तीसरी रिंग रोड
तीसरी मुंबई को नवी मुंबई-मुंबई से जोड़ने के लिए एक रिंग रोड का भी निर्माण किया जाएगा। तीसरा मुंबई नवी मुंबई और मुंबई के बीच है। यह नया प्रोजेक्ट नवी मुंबई एयरपोर्ट के पास होगा। हैदराबाद और अहमदाबाद शहर की तर्ज पर एक्सेस कंट्रोल रिंग रोड का निर्माण किया जाएगा।

CIDCO के घर की कीमत 6 लाख हुई कम ; ग्राहक फिर भी नहीं हो रहे आकर्षित

 



अब 'इतनी' रकम में मिल रहे हैं घर, देखें कहां है लोकेशन?

कर्मभूमि न्यूज नेटवर्क 

  नवी मुंबई। CIDCO की ओर से जारी किए जा रहे कई हाउसिंग प्रोजेक्ट्स पर ग्राहकों ने अब तक अच्छी प्रतिक्रिया दी है। नवी मुंबई और आसपास के इलाकों में विकसित की गई कई आवासीय परियोजनाओं के कारण, कई लोगों के लिए घर का सपना सच हो गया है। ऐसे में  CIDCO ने अब घर की कीमतों में बड़े अंतर से कमी कर दी है। लेकिन, यह फैसला अब सिडको को कुछ हद तक महंगा पड़ रहा है।

पता हो कि लगभग दो साल पहले, सिडको ने नवी मुंबई के उल्वे के बामन डोंगरी रेलवे स्टेशन क्षेत्र में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए एक आवास योजना की घोषणा की थी। इस योजना के लिए 2023 में निकाले गए ड्रॉ (Cidco Lottery 2024) में 4869 आवेदकों को लॉटरी के जरिये घर मिले थे. शुरुआत में इन मकानों की कीमत 35 लाख 30 हजार रुपये तय की गई थी. लेकिन मकानों की ऊंची कीमत पर नाराजगी जताते हुए आवेदकों ने सीधे मुख्यमंत्री से मदद की गुहार लगाई थी। 

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की सरकार ने 29 जनवरी 2024 को इन घरों की कीमत 6 लाख रुपये कम करने का फैसला किया है. घर की मूल रकम 35 लाख 30 हजार से घटाकर सीधे 29 लाख 50 हजार रुपये हो गई. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मिलने वाली 2.5 लाख की सब्सिडी को जोड़ दें तो घर की रकम सीधे 27 लाख रुपये हो जाती है. हालाँकि यह राशि इतने बड़े अंतर से कम कर दी गई है, लेकिन आवेदकों से अपेक्षित प्रतिक्रिया नहीं मिली है।

अब भी लॉटरी प्रक्रिया में जीते आवेदकों द्वारा अपेक्षित प्रतिक्रिया न देने से सिडको की मुश्किलें बढ़ गई हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि घर खरीदने के लिए तत्परता दिखाने वाले आवेदकों की संख्या बहुत कम है, इसलिए यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि क्या सिडको भविष्य में इन घरों को पुनर्विक्रय के लिए उपलब्ध कराएगा यदि आवेदकों को विजेताओं द्वारा अस्वीकार कर दिया जाता है और तो कैसे योजना को आगे बढ़ाया  जाएगा.
किन परियोजनाओं में मकानों की कीमतें कम हुई हैं?
सिडको की ओर से बामन डोंगरी में निर्मित आवासीय परियोजनाओं में मकानों की दरें 6 लाख रुपए कम करने का निर्णय लिया गया है। आवेदकों को भी इसकी जानकारी दे दी गई है। लेकिन, उक्त फैसले के एक माह बाद भी ग्राहकों ने इन मकानों के प्रति उत्साह नहीं दिखाया है. इसलिए, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि क्या सिडको कोई नया समाधान लेकर आएगा।

बड़ी खबर! 'इस' तारीख को होगी लोकसभा चुनाव की घोषणा? 7 चरणों में वोटिंग होगी

 


मुंबई। देश में अब लोकसभा चुनाव की बयार चलनी शुरू हो गई है. सभी राजनीतिक पार्टियां जोर-शोर से तैयारियों में जुट गई हैं. केंद्रीय चुनाव आयोग 14-15 मार्च को लोकसभा चुनाव की घोषणा कर सकता है. सूत्रों के मुताबिक, 2019 लोकसभा चुनाव की तरह 2024 का चुनाव भी 7 चरणों में होने की संभावना है. मिली जानकारी के मुताबिक पहले चरण का मतदान अप्रैल के दूसरे हफ्ते में हो सकता है.

लोकसभा चुनाव की तैयारी के लिए केंद्रीय चुनाव आयोग जल्द ही प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगा. प्रेस कॉन्फ्रेंस अगले हफ्ते बुधवार या गुरुवार को होगी. आम चुनाव की तैयारियों की समीक्षा के लिए चुनाव आयोग इस समय कई राज्यों के दौरे पर है। सभी राज्यों में तैयारियों की समीक्षा के बाद ही आयोग चुनाव की तारीखों का ऐलान करेगा.

राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों की बैठक
चुनाव आयोग की टीम इस वक्त पश्चिम बंगाल में है. इसके बाद टीम उत्तर प्रदेश और जम्मू-कश्मीर का दौरा करेगी। टीमें 13 मार्च तक अपना दौरा पूरा कर लेंगी. चुनाव आयुक्त सभी राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं.
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टेक्नोलॉजी का उपयोग
चुनाव आयोग आगामी लोकसभा चुनाव को स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से कराने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तकनीक का इस्तेमाल कर सकता है। चुनाव आयोग इसके लिए एक विभाग भी बना रहा है और यह विभाग सोशल मीडिया डिजिटल प्लेटफॉर्म पर है। 

राजनीतिक दलों की तैयारियां तेज
लोकसभा चुनाव को लेकर देश की सभी राजनीतिक पार्टियों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले कई पार्टियों ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. सत्तारूढ़ बीजेपी ने 195 उम्मीदवारों की पहली सूची की घोषणा कर दी है. आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल ने भी अपने उम्मीदवारों की सूची की घोषणा कर दी है।

महाविकास मोर्चा बने
जलगांव और कोल्हापुर लोकसभा क्षेत्र महाविकास अघाड़ी में बंट गए हैं। इसी पृष्ठभूमि में उद्धव ठाकरे ने सांगली और जलगांव लोकसभा क्षेत्रों की बैठक बुलाई है. इन दोनों लोकसभा सीटों पर शिवसेना चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है. जलगांव लोकसभा सीट के लिए एनसीपी के साथ-साथ शिवसेना का ठाकरे ग्रुप भी इस सीट पर चुनाव लड़ने पर जोर दे रहा था. लेकिन अब यह लगभग तय हो गया है कि जलगांव लोकसभा क्षेत्र से शिवसेना ठाकरे चुनाव लड़ेंगे. हर्षल माने यहां से शिवसेना ठाकरे समूह के संभावित लोकसभा उम्मीदवार होंगे

जबकि शिवसेना ठाकरे समूह कोल्हापुर लोकसभा क्षेत्र कांग्रेस पार्टी के लिए छोड़ देगा और इसके बजाय शिवसेना ठाकरे समूह सांगली लोकसभा क्षेत्र की सीट पर चुनाव लड़ेगा, इस पर महा विकास अघाड़ी नेताओं के बीच आम सहमति है। शाहू महाराज कांग्रेस पार्टी से चुनाव लड़ सकते हैं, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री वसंतदादा पाटिल के पोते विशाल पाटिल के शिवसेना ठाकरे समूह में प्रवेश करने और सांगली लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की संभावना है। इसके अलावा पहलवान चंद्रहार पाटिल भी यहां से चुनाव लड़ना चाहते हैं। 

Monday, March 4, 2024

जेएनपीटी बंदरगाह पर जहाज में मिली पाकिस्तान की मिसाइल बनाने की सामग्री?

 


भारतीय सुरक्षा बलों ने की जहाज की जांच 

नवी मुंबई। भारतीय सुरक्षा बलों ने जेएनपीटी बंदरगाह पर बड़ी कार्रवाई की है. चीन से पाकिस्तान संदिग्ध सामग्री ले जा रहे एक जहाज को सुरक्षा बलों ने रोक लिया। आशंका है कि पाकिस्तान इस सामग्री का इस्तेमाल मिसाइल बनाने में करने वाला था . जासूसों ने सीमा शुल्क अधिकारियों को जहाज के बारे में जानकारी दी थी। इसके बाद सतर्क सुरक्षा गार्डों ने जहाज को रोक लिया। यह जहाज चीन से पाकिस्तान के कराची जा रहा था. जहाज़ में एक कंप्यूटर संख्यात्मक नियंत्रण मशीन थी। डीआरडीओ टीम द्वारा जहाज पर मौजूद सामान का भी निरीक्षण किया गया है।

कंप्यूटर संख्यात्मक नियंत्रण मशीन
23 जनवरी को कस्टम अधिकारियों ने मिली खुफिया जानकारी के आधार पर कार्रवाई की. इसमें एक व्यापारी जहाज, सीएमए सीजीएम अत्तिला, जो माल्टा का झंडा लहरा रहा था और कराची जा रहा था, को जेएनपीटी पर रोक लिया गया। जहाज का निरीक्षण किया गया. इसमें एक कंप्यूटर संख्यात्मक नियंत्रण मशीन भी थी। यह मशीन मूल रूप से एक इटालियन कंपनी द्वारा बनाई गई थी। एक सीएनसी मशीन एक कंप्यूटर के माध्यम से संचालित होती है। जिसके माध्यम से सतर्कता, स्थिरता और सटीकता प्राप्त की जाती है जो मैन्युअल रूप से संभव नहीं है।
संदेह है कि इस सामग्री का इस्तेमाल पाकिस्तान के मिसाइल कार्यक्रम में किया गया होगा. 1996 में, सीएनसी मशीनों को वासेनार प्रणाली में पेश किया गया था। वासेनार एक अंतरराष्ट्रीय हथियार नियंत्रण तंत्र है जिसका उद्देश्य नागरिकों और सेना दोनों द्वारा हथियारों के उपयोग को रोकता है।
भारत ऐसे 42 सदस्य देशों में से एक है। जिसमें पारंपरिक हथियारों और दोहरे उपयोग वाली वस्तुओं और प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण पर जानकारी का आदान-प्रदान शामिल है। उत्तर कोरिया द्वारा अपने परमाणु कार्यक्रम में सीएनसी मशीनों का उपयोग किया गया था।

कराची जा रहा था जहाज 
सीएमए सीजीएम अत्तिला नाम का जहाज पाकिस्तान के कराची जा रहा था। डीआरआई ने कार्रवाई करते हुए 23 जनवरी को जहाज को जेएनपीटी बंदरगाह पर रोक दिया. इसके बाद 24 जनवरी को कंटेनर को जहाज से उतार दिया गया और जहाज को प्रस्थान की अनुमति दी गई। बाद में 16 फरवरी को हैदराबाद से डीआरडीएल की एक टीम ने कंटेनर खोला और कंटेनर की सामग्री का निरीक्षण करना शुरू किया। इसमें चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है.

कार्गो में एक उच्च तकनीक वाली सीएनसी खराद मशीन होती है, जिसका उपयोग रक्षा और अंतरिक्ष में उपयोग किए जाने वाले उच्च-सटीक उपकरण बनाने के लिए भी किया जा सकता है। सूत्रों ने इस संबंध में जानकारी दी. यह भी कहा गया है कि यह कार्गो फिलहाल न्हावा शेवा बंदरगाह पर खड़ा  है।

भारतीय रक्षा अधिकारियों द्वारा खुलासा
संदेह होने पर बंदरगाह अधिकारियों ने भारतीय रक्षा अधिकारियों को सतर्क कर दिया। इसके बाद अधिकारियों ने जांच कर सामान जब्त कर लिया। बिल और अन्य दस्तावेजों से मिली जानकारी के मुताबिक, माल शंघाई जेएक्सई ग्लोबल लॉजिस्टिक्स कंपनी लिमिटेड द्वारा सियालकोट के पाकिस्तान विंग्स प्राइवेट लिमिटेड को भेजा गया था।

संदेह होने पर सुरक्षा एजेंसियों ने जहाज पर मौजूद माल की गहन जांच की। इसमें ताईयुआन माइनिंग इंपोर्ट एंड एक्सपोर्ट कंपनी लिमिटेड ने 22 हजार 180 किलोग्राम वजनी खेप पाकिस्तान के कॉसमॉस इंजीनियरिंग को भेजी थी.

सुनियोजित नवी मुंबई शहर बन जाएगा घनी आबादी वाला शहर


 

गायब हो गए आवासीय परिसरों के लिए ग्रीन बेल्ट, खेल के मैदान और साइकिल ट्रैक
मनीष अस्थाना 
नवी मुंबई। नवी मुंबई महानगरपालिका की बहुचर्चित विकास योजना की घोषणा पिछले सप्ताह की गई थी। उल्लेखनीय है कि मनपा की स्थापना के बाद पिछले 33 वर्षों में पहली बार इस तरह की कोई विकास योजना राज्य सरकार की मंजूरी के लिए भेजी गयी है. हालाँकि इस विकास योजना में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं, जो शहर नियोजन के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण है, हालांकि कुछ लोग आरोप लग रहे हैं कि यह योजना शहर के पर्यावरण और विभिन्न सुविधाओं के आरक्षण को एक प्रकार का नुकसान है। शील, डोंबिवली के माध्यम से नवी मुंबई को कल्याण से जोड़ने वाली सीमा पर आदिवली-भुतवली गांव में 200-225 एकड़ की हरित पट्टी, पाम बीच रोड के साथ आर्द्रभूमि का विशाल क्षेत्र हैं। मुंबई, ठाणे, डोंबिवली जैसे आसपास के शहर पर्याप्त योजना और खुली जगहों की कमी के कारण सचमुच में परेशान हो रहे हैं, नवी मुंबई में जिस तरह का विकास हो रहा है उसे लेकर सवाल उठाया जा रहा है कि क्या नवी मुंबई एक सुनियोजित शहर है लेकिन जिस तरह से यहाँ खेल के मैदान , साइकिल ट्रैक और शहर की हरियाली अब खत्म हो रही है। प्रदूषण के कारण इस शहर में भी लोगों का दम घुटने लगा है। 

विकास योजना का महत्व क्या है?
किसी भी शहर के नियोजन में विकास योजना महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इस विकास योजना के माध्यम से शहर में पार्क, मैदान, ग्रीन बेल्ट, क्षेत्रीय पार्क, सुविधा भूखंड, आवासीय-व्यावसायिक परिसर, आर्द्रभूमि, अविकसित क्षेत्रों की योजना बनाई जाती है। ऐसी विकास योजना का मसौदा स्थानीय स्व-सरकारी निकाय द्वारा प्रस्तुत किया जाता है जो शहर का संरक्षक होता है। शहरवासियों से आपत्तियां एवं सुझाव आमंत्रित किये जाते हैं  विचार-विमर्श के बाद ही विकास योजना को मूर्त रूप दिया जाता है। आगे इस योजना को मंजूरी के लिए राज्य के शहरी विकास विभाग को भेजा जाता है. सरकार की मंजूरी के बाद ही इस विकास योजना को अंतिम रूप मिलता है. यह पूरी प्रक्रिया किसी भी शहरी क्षेत्र की समयबद्ध योजना के लिए बहुत महत्वपूर्ण हो जाती है। उस शहर के नागरिकों का जीवन स्तर कैसा होगा इसका प्रतिबिंब विकास योजना में दिखता है।

नवी मुंबई की विकास योजना कितनी महत्वपूर्ण है?
मुंबई महानगरीय क्षेत्र के लगभग सभी शहरों को देखते हुए, योजना के मोर्चे पर नवी मुंबई की विशिष्टता हमेशा महत्वपूर्ण रही है। इस शहर को विकसित करते समय, सिडको ने हमेशा भूमि उपयोग की 'लचीली आरक्षण' नीति लागू की है। अतः मूल उपयोग के लिए आरक्षित भूखण्डों का उपयोग समय-समय पर बदला जाता रहा है । हालांकि, आसपास के अन्य शहरों की तुलना में, नवी मुंबई में खुले स्थानों और अन्य सुविधा उपयोगों की गणना काफी हद तक देखी गई है। पाम बीच रोड, जो शहर के केंद्र से होकर गुजरती है, उस मार्ग पर सड़क के एक तरफ आवासीय इमारत बनाई गई हैं , और दूसरी तरफ व्यापक नदी तट के जंगल और आर्द्रभूमि हैं। ठाणे, डोंबिवली की तुलना में इस शहर के उपनगरों में सुख-सुविधाओं के आरक्षण पर अतिक्रमण की संख्या बहुत कम है। यह शहर अपनी खुली जगहों, सार्वजनिक उपयोग के लिए खुले पार्कों, खेतों, खाड़ियों, जल निकायों के कारण सांस लेने के लिए एक बेहतरीन शहर माना जाता था। हालांकि, अब खुले स्थानों और पर्यावरण की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों का अतिक्रमण किया जा रहा है, जिससे संवेदनशील नागरिकों में बेचैनी पैदा हो रही है।

क्या नवी मुंबई की प्लानिंग पर कायम है 'बिल्डर राज'?
नवी मुंबई मनपा द्वारा पिछले दिनों राज्य सरकार को सौंपी गई विकास योजना कई मायनों में विवादास्पद होने के संकेत दे रही है। नवी मुंबई का नेकलेस माना जाने वाला पाम बीच रोड आर्द्रभूमि में लाखों राजहंस अपना डेरा ज़माने क लिए लाखों किलोमीटर की यात्रा कर इस शहर में हर साल अपने नियत समय पर आते हैं लेकिन मनपा ने इन वेटलैंड्स पर पिछले आरक्षण को हटाकर इन्हें आवासीय परिसरों के लिए खोलने का फैसला किया है। सरकार को सौंपी गई विकास योजना में, नेरुल सीवुड्स क्षेत्र में खाड़ी के किनारे प्राकृतिक रूप से बनी आर्द्रभूमि न केवल नवी मुंबई बल्कि पूरे महानगरीय क्षेत्र में पर्यावरणविदों के लिए आकर्षण का विषय है। इस शहर को 'फ्लेमिंगो सिटी' नाम मुख्य रूप से इन जल में आने वाले विदेशी पर्यटकों के कारण दिया गया है। ऐसे में अब यह सवाल उठ रहा है कि आखिर किसके दबाव में मनपा ने इन जमीनों को आवासीय परिसरों के लिए खोलने में इतनी जल्दबाजी दिखाई। इसी इलाके में स्थित एनआरआई कॉम्प्लेक्स के नीचे एक बड़े भूखंड पर देश के प्रमुख उद्योगपतियों में से एक का बंगला प्रोजेक्ट चल रहा है। चर्चा है कि इस परियोजना के लिए भी आर्द्रभूमियों को आवासीय श्रेणी में वर्गीकृत किया गया है। कई पर्यावरण संगठन उसी क्षेत्र की आर्द्रभूमि पर गोल्फ कोर्स बनाने की परियोजना के खिलाफ अदालत में लड़ रहे हैं। इस बीच मनपा ने इस पूरी बेल्ट को निर्माण परियोजनाओं के लिए खोलकर पर्यावरणविदों को चौंका दिया है।



मनपा अधिकारी दबाव में?
नवी मुंबई मनपा की विकास योजना तैयार करते समय विकास योजना के प्रारूप पर उठाई गई आपत्तियों और सुझावों का विस्तार से अध्ययन किया गया प्रस्तावित डीपी से ऐसा कुछ लगता नहीं है। वैसे भी मनपा  के शहरी विकास विभाग पर इस योजना को फरवरी में राज्य सरकार को सौंपने का दबाव था. आचार संहिता लगने से पहले मनपा इस योजना को राज्य सरकार को सौंपने की तैयारी में था. हालाँकि, मनपा द्वारा विकास योजना के प्रारूप में कई स्थानों पर किए गए आरक्षण को राज्य सरकार को सौंपी गई अंतिम विकास योजना में आश्चर्यजनक तरीके से बदल दिया गया है। आदिवली-भुतवली क्षेत्र का लगभग 220 एकड़ क्षेत्र क्षेत्रीय पार्क के लिए आरक्षित है