आखिर श्रीरंग बारणे के समक्ष कौन होगा मजबूत उम्मीदवार
मनीष अस्थाना
नवी मुंबई। राज्य में सत्ता संघर्ष के बाद लोकसभा चुनाव के समीकरण बदल गए हैं । इसका असर मावल लोकसभा क्षेत्र पर भी पड़ा है. यह लगभग तय माना जा रहा है कि महायुति के उम्मीदवार मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के सांसद श्रीरंग बारणे होंगे. महायुति के नेता कह रहे हैं कि चूंकि वर्तमान सांसद शिंदे गुट के हैं, इसलिए आगामी लोकसभा सीट आवंटन में यह सीट उनके लिए आरक्षित रहेगी. लेकिन महाविकास अघाड़ी का उम्मीदवार कौन होगा? उद्धव ठाकरे की शिवसेना या शरद पवार की NCP, किसे मिलेगी यह सीट? क्या सांसद श्रीरंग बारणे की हैट्रिक रोकने के लिए मजबूत प्रत्याशी की तलाश की जा रही है ? हालांकि अभी तक यह तय नहीं हुआ है कि इस सीट पर शरद पवार की एनसीपी का प्रत्याशी होगा या फिर उद्धव ठाकरे की शिवसेना का ?
नवी मुंबई। राज्य में सत्ता संघर्ष के बाद लोकसभा चुनाव के समीकरण बदल गए हैं । इसका असर मावल लोकसभा क्षेत्र पर भी पड़ा है. यह लगभग तय माना जा रहा है कि महायुति के उम्मीदवार मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के सांसद श्रीरंग बारणे होंगे. महायुति के नेता कह रहे हैं कि चूंकि वर्तमान सांसद शिंदे गुट के हैं, इसलिए आगामी लोकसभा सीट आवंटन में यह सीट उनके लिए आरक्षित रहेगी. लेकिन महाविकास अघाड़ी का उम्मीदवार कौन होगा? उद्धव ठाकरे की शिवसेना या शरद पवार की NCP, किसे मिलेगी यह सीट? क्या सांसद श्रीरंग बारणे की हैट्रिक रोकने के लिए मजबूत प्रत्याशी की तलाश की जा रही है ? हालांकि अभी तक यह तय नहीं हुआ है कि इस सीट पर शरद पवार की एनसीपी का प्रत्याशी होगा या फिर उद्धव ठाकरे की शिवसेना का ?
2019 शिवसेना - एनसीपी में हुआ था मुकाबला
उल्लेखनीय है कि लोकसभा 2019 चुनाव के दौरान इस सीट पर शिवसेना और एनसीपी के बीच सीधी टक्कर थी. तभी श्रीरंग बारणे का तीर अजित पवार के बेटे पार्थ पवार को हराने में कामयाब हो गए थे । लेकिन वर्तमान में ये दोनों गुट सत्ता की चाहत में आमने-सामने बैठे हैं. इसलिए, महायुति से श्रीरंग बारणे या पार्थ पवार? इस बात को लेकर भी दुविधा है कि वास्तव में यह सीट किसके खाते में जाएगी ? यह जानने के लिए हर कोई बहुत उत्सुक है. लेकिन पिछले कुछ दिनों से महायुति के नेता जो संकेत दे रहे हैं, उससे यह तय माना जा रहा है कि श्रीरंग बारणे ही उम्मीदवार होंगे. अगर सही मायनों में महायुति धर्म का पालन किया जाए तो यहां की स्थिति बारणे के लिए अनुकूल है। क्योंकि कम से कम कागजों पर तो मावल लोकसभा में महायुति मजबूत स्थिति में दिख रही है. उसकी तुलना में महाविकास अघाड़ी की स्थिति ख़राब है। हालांकि इस क्षेत्र में अपनी स्थिति सुधारने के लिए उद्धव ठाकरे ने सीधे तौर पर अजित पवार को बड़ा झटका दे चुके हैं . पिंपरी चिंचवड़ में ठाकरे ने अजित पवार के विश्वासपात्र और पूर्व महापौर संजोग वाघेरे को अपने साथ शामिल कर लिया है. उद्धव ठाकरे ने उन्हें शामिल करते हुए कहा था कि हम मावल लोकसभा में फिर से अपना भगवा फहराना चाहते हैं, इसकी जिम्मेदारी मैं आपको सौंप रहा हूं, इसके बाद माना जाने लगा था कि वाघेरे महाविकास आघाडी के उम्मीदवार होंगे. लेकिन वाघेरे के अब तक के राजनीतिक सफर पर नजर डालें तो क्या वह अपनी मर्जी से शिवसेना में शामिल हुए थे या इसके पीछे और कौन है? इसको लेकर चर्चा की जा रही है इसके पीछे शरद पवार हैं। इसलिए महाविकास आघाडी में यह सीट ठाकरे की शिवसेना के लिए छोड़ी जाएगी और इसी के अनुरूप यह रणनीति बनती दिख रही है.
नवी मुंबई में हैं तीन विधानसभा सीटें
मावल लोकसभा में राजनीतिक घटनाक्रमों को देखते हुए मौजूदा तस्वीर यह है कि श्रीरंग बारणे बनाम संजोग वाघेरे के बीच लड़ाई होगी. मावल पुणे और रायगढ़ जिलों को जोड़ने वाला लोकसभा क्षेत्र है। पिंपरी, चिंचवड़ और मावल पुणे में हैं जबकि कर्जत, उरण और पनवेल रायगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्र हैं। चिंचवड़ में बीजेपी के अश्विनी जगताप, पनवेल में बीजेपी के प्रशांत ठाकुर, उरण में निर्दलीय लेकिन बीजेपी से जुड़े महेश बाल्दी, पिंपरी में अजित पवार की एनसीपी के अन्ना बंसोडे, मावल में सुनील शेल्के और शिंदे की शिवसेना के महेंद्र थोरवे कर्जत सभा का नेतृत्व कर रहे हैं. पार्टी के विधायकों में बीजेपी के तीन, अजीत पवार की एनसीपी के दो और शिंदे की शिवसेना का एक विधायक है। पिछली लोकसभा में मोदी लहर के चलते श्रीरंग बारणे को लाभ मिला था लेकिन इस बार क्या एक बार फिर से श्रीरंग बारणे यह सीट जीतने में सफल होंगे ? इस बात की चर्चा भी जोर पकड़ रही है।
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