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Wednesday, January 31, 2024

पिछले साल की तुलना में नवी मुंबई में 6 प्रतिशत बढ़ा आपराधिक ग्राफ


 पिछले साल की तुलना में नवी मुंबई में 6 प्रतिशत बढ़ा आपराधिक ग्राफ 

इस वर्ष दर्ज किए गए 6656 आपराधिक मामले 
4892 मामलों को सुलझाने में मिली सफलता 

नवी मुंबई। वर्ष 2022 की तुलना में वर्ष 2023 में नवी मुंबई पुलिस आयुक्तालय क्षेत्र में आपराधिक ग्राफ में मात्र 6 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई जिसमें से 73 प्रतिशत यानी कि 4892 मामलों को सुलझाने में नवी मुंबई पुलिस को सफलता भी मिली। वर्ष 2022 में कुल 6443 आपराधिक मामले दर्ज किए गए थे जिसमें से 67 प्रतिशत यानी कि 4297 मामलो को सुलझाया गया था। इस बात की जानकारी नवी मुंबई पुलिस आयुक्त मिलिंद भारंबे ने आयोजित एक पत्रकार परिषद में दी। वे नवी मुंबई में वर्ष 2022 की तुलना में 2023 में दर्ज किए गए तथा सुलझाए गए मामलों के आंकड़े पत्रकारों के समक्ष रखे। 

पुलिस आयुक्त ने जानकारी देते हुए बताया कि इस साल शरीर को नुकसान पहुंचाने वाले 825 मामले दर्ज किए गए जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 900 था। पुलिस ने पिछले ऐसे 98 प्रतिशत मामलों को सुलझा लिया था और इस साल भी 98 प्रतिशत मामले सुलझा लिए गए हैं। पुलिस आयुक्तालय द्वारा जारी किए आकड़ो से पता चलता है कि इस वर्ष संपत्ति विवाद के मामलों में मामूली सी कमी आयी है। वर्ष 2022 में प्रापर्टी विवाद के 2447 मामले दर्ज किए गए थे लेकिन इस वर्ष 2348 मामले दर्ज किये गए है , रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले साल संपत्ति विवाद के सिर्फ 33 प्रतिशत मामले सुलझाए जा सके थे लेकिन इस वर्ष 50 प्रतिशत मामले सुलझाए गए हैं। इस वर्ष आर्थिक धोखाधड़ी के मामलों में बढ़ोत्तरी दर्ज की गयी है रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल आर्थिक धोखाधड़ी के 663 मामले दर्ज किए गए थे लेकिन इस साल ऐसे मामलों की संख्या बढ़कर 812 हो गयी है , हालांकि इस साल ऐसे 57 प्रतिशत मामलों को सुलझा लिया गया है जबकि पिछले साल 63 प्रतिशत मामले सुलझाए गए थे। 

नवी मुंबई पुलिस आयुक्त का कहना है कि इस साल महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मामलों में मामूली सी कमी आयी है , पिछले साल महिलाओं के साथ हिंसा के 762 मामले दर्ज किए गए थे जिसमें से 740 मामलों को सुलझा लिया गया था। लेकिन 2023 में यह आकड़ा काम होकर 703 पर आया है पुलिस ने ऐसे 689 मामलों को सुलझा लिया है। इसके अलावा अन्य तरह के 1968 मामले दर्ज किए गए हैं जबकि पुलिस ने ऐसे 90 प्रतिशत मामलों को सुलझा लिया है इसके आलावा वर्ष 2022 में कुल 1671 मामले दर्ज किए गए थे जिसमें से 86 प्रतिशत मामलों को सुलझाने में सफलता मिली है। 

पुलिस आयुक्तालय द्वारा जारी की गयी वार्षिक रिपोर्ट में बताया गया है कि नवी मुंबई पुलिस आयुक्तालय में अधिकारी तथा कर्मचारियों की संख्या 5023 है जिसमें से 4787 पद पर लोग काम कर रहें हैं और 829 पद अभी तक रिक्त है जिसमें पुलिस उपनिरीक्षक की संख्या 30 है। 

 महिलाओं की मानसिक प्रताड़ना के 211 मामले 
महिलाओं के साथ बलात्कार के 211 मामले 
महिलाओं द्वारा की गयी आत्महत्या के 25 मामले 
हत्या के 37 मामले 
हत्या के प्रयास के 58 मामले 
चेन स्नेचिंग के 109 मामले 
चोरी के 743 मामले 
डकैती के 3 मामले तथा 
वाहन चोरी के 963 मामले दर्ज किए गए हैं। 

NMMT ड्राइवर को महंगा पड़ गया बस चलाते वीडियो देखना


 बस चालक को किया गया निलंबित 

नवी मुंबई। एनएमएमटी के रूट नंबर 17 पर ड्राइवर को बस चलाते समय मोबाईल पर वीडियो देखना महंगा पड़ गया। यात्री द्वारा बनाया गया वीडियो एक्स पर वायरल होने के बाद एनएमएमटी प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से चालक को निलंबित कर दिया गया है।  

एनएमएमटी प्रशासन का कहना है कि “हमने वायरल वीडियो का गंभीरता से संज्ञान लिया है और ड्राइवर महादु जातर को तुरंत निलंबित कर दिया गया है। हमने गंभीर अपराध के लिए बस चालक के खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू कर दी है। एनएमएमटी के महाप्रबंधक योगेश कडुस्कर ने कहा, जब यात्रियों की जान को खतरे में डालने की बात आती है तो हम बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करते हैं और नवी मुंबई के लोगों को पूरी सुरक्षा के साथ सेवा देने में विश्वास रखते हैं।


उल्लेखनीय है कि वाहन को चलाते समय मोबाइल फोन का इस्तेमाल प्रतिबंधित है। यह सार्वजनिक परिवहन के चालकों पर भी लागू होता है। प्रशासन का कहना है कि हम अपने ड्राइवरों को लगातार चेतावनी देते रहे हैं कि वे गाड़ी चलाते समय मोबाइल फोन का इस्तेमाल न करें और किसी भी नियम का उल्लंघन करने पर दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की गई है।'' कडुस्कर ने कहा, ''जातर का कृत्य एक अक्षम्य कृत्य था जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। 

नवी मुंबई पुलिस आयुक्त ने किये 20 पुलिस निरीक्षक तथा 17 सहायक निरीक्षकों के तबादले


 नवी मुंबई। आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए नवी मुंबई पुलिस आयुक्त मिलिंद भारंबे ने 20 पुलिस निरीक्षक तथा 17 सहायक निरीक्षकों के तबादले कर दिए है। नवी मुंबई पुलिस आयुक्तालय के 20 पुलिस उप निरीक्षकों के भी ट्रांसफर किए गए हैं। इस आशय का आदेश मंगलवार की रात को निकाला गया। पता हो कि चुनाव के मद्देनजर नवी मुंबई पुलिस आयुक्तालय में बड़े पैमाने पर फेरबदल किए जाने के अनुमान लगाए जा रहे थे। 

पुलिस आयुक्तालय के आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि किए गए तबादलों को लेकर पिछले कुछ दिनों से बैठक की जा रही थी , ट्रांसफर की संभावनाओं को देखते हुए कई पुलिस अधिकारियों ने अपने ट्रांसफर रुकवाने के भी प्रयास शुरू कर दिए थे। जानकारी के अनुसार जिन पुलिस निरीक्षकों के तबादले किए गए हैं उनमें पुलिस निरीक्षक संजीव धुमाल , शशिकांत चांदेकर , प्रमोद तोरडमल ,राजेंद्र कोते ,भागोजी ओटी , दिलीप गुजर , रमेश जाधव ,अशोक गायकवाड़ , संजय चव्हाण , मधुकर भते , राजेंद्र कदम , औदम्बर पाटिल ,विजय पन्हाले ,प्रमोद भोसले ,पराग सोनवणे ,अतुल आहेर ,हनीफ मुलानी तथा वैशाली गलांडे का समावेश है। जिन पुलिस निरीक्षकों के तबादले किए गए हैं वे सभी विभिन्न पुलिस स्टेशनों में वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक पद पर तैनात थे। इनके साथ ही सहायक 17 पुलिस निरीक्षक तथा 20 पुलिस उप निरीक्षकों के भी तबादले किए गए हैं। 

चर्चा की जा रही है कि इतनी बड़ी संख्या में तबादले कई सालों के बाद किए गए हैं , चर्चा यह भी है कि कुछ वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक अपने क्षेत्र में गैर क़ानूनी कामों की तरफ अनदेखी करने का भी काम कर रहे थे। 
 

Tuesday, January 30, 2024

मावल लोकसभा सीट को लेकर माविआ में रस्साकशी तेज , आखिर श्रीरंग बारणे के समक्ष कौन होगा मजबूत उम्मीदवार 


 आखिर श्रीरंग बारणे के समक्ष कौन होगा मजबूत उम्मीदवार 

मनीष अस्थाना 
नवी मुंबई। राज्य में सत्ता संघर्ष के बाद लोकसभा चुनाव के समीकरण बदल गए हैं । इसका असर मावल लोकसभा क्षेत्र पर भी पड़ा है. यह लगभग तय माना जा रहा है कि महायुति के उम्मीदवार मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के सांसद श्रीरंग बारणे होंगे. महायुति के नेता कह रहे हैं कि चूंकि वर्तमान सांसद शिंदे गुट के हैं, इसलिए आगामी लोकसभा सीट आवंटन में यह सीट उनके लिए आरक्षित रहेगी. लेकिन महाविकास अघाड़ी का उम्मीदवार कौन होगा? उद्धव ठाकरे की शिवसेना या शरद पवार की NCP, किसे मिलेगी यह सीट? क्या सांसद श्रीरंग बारणे की हैट्रिक रोकने के लिए मजबूत प्रत्याशी की तलाश की जा रही है ? हालांकि अभी तक यह तय नहीं हुआ है कि इस सीट पर शरद पवार की एनसीपी का प्रत्याशी होगा या फिर उद्धव ठाकरे की शिवसेना का ?

2019 शिवसेना  - एनसीपी में हुआ था मुकाबला 
उल्लेखनीय है कि लोकसभा 2019 चुनाव के दौरान इस सीट पर शिवसेना और एनसीपी के बीच सीधी टक्कर थी. तभी श्रीरंग बारणे का तीर अजित पवार के बेटे पार्थ पवार को हराने में कामयाब हो गए थे । लेकिन वर्तमान में ये दोनों गुट सत्ता की चाहत में आमने-सामने बैठे हैं. इसलिए, महायुति से श्रीरंग बारणे या पार्थ पवार? इस बात को लेकर भी दुविधा है कि वास्तव में यह सीट किसके खाते में जाएगी ? यह जानने के लिए हर कोई बहुत उत्सुक है. लेकिन पिछले कुछ दिनों से महायुति के नेता जो संकेत दे रहे हैं, उससे यह तय माना जा रहा है कि श्रीरंग बारणे ही उम्मीदवार होंगे. अगर सही मायनों में महायुति धर्म का पालन किया जाए तो यहां की स्थिति बारणे के लिए अनुकूल है। क्योंकि कम से कम कागजों पर तो मावल लोकसभा में महायुति मजबूत स्थिति में दिख रही है. उसकी तुलना में महाविकास अघाड़ी की स्थिति ख़राब है।  हालांकि इस क्षेत्र में अपनी स्थिति सुधारने के लिए उद्धव ठाकरे ने सीधे तौर पर अजित पवार को बड़ा झटका दे चुके हैं . पिंपरी चिंचवड़ में ठाकरे ने अजित पवार के विश्वासपात्र और पूर्व महापौर संजोग वाघेरे को अपने साथ शामिल कर लिया है. उद्धव ठाकरे ने उन्हें शामिल करते हुए कहा था कि हम मावल लोकसभा में फिर से अपना भगवा फहराना चाहते हैं, इसकी जिम्मेदारी मैं आपको सौंप रहा हूं, इसके बाद माना जाने लगा था कि वाघेरे महाविकास आघाडी के उम्मीदवार होंगे. लेकिन वाघेरे के अब तक के राजनीतिक सफर पर नजर डालें तो क्या वह अपनी मर्जी से शिवसेना में शामिल हुए थे या इसके पीछे और कौन है? इसको लेकर चर्चा की जा रही है इसके पीछे शरद पवार हैं। इसलिए महाविकास आघाडी में यह सीट ठाकरे की शिवसेना के लिए छोड़ी जाएगी और इसी के अनुरूप यह रणनीति बनती दिख रही है.

नवी मुंबई में हैं तीन विधानसभा सीटें 
मावल लोकसभा में राजनीतिक घटनाक्रमों को देखते हुए मौजूदा तस्वीर यह है कि श्रीरंग बारणे बनाम संजोग वाघेरे के बीच लड़ाई होगी. मावल पुणे और रायगढ़ जिलों को जोड़ने वाला लोकसभा क्षेत्र है। पिंपरी, चिंचवड़ और मावल पुणे में हैं जबकि कर्जत, उरण और पनवेल रायगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्र हैं। चिंचवड़ में बीजेपी के अश्विनी जगताप, पनवेल में बीजेपी के प्रशांत ठाकुर, उरण में निर्दलीय लेकिन बीजेपी से जुड़े महेश बाल्दी, पिंपरी में अजित पवार की एनसीपी के अन्ना बंसोडे, मावल में सुनील शेल्के और शिंदे की शिवसेना के महेंद्र थोरवे कर्जत सभा का नेतृत्व कर रहे हैं. पार्टी के विधायकों में बीजेपी के तीन, अजीत  पवार की एनसीपी के दो और शिंदे की शिवसेना का एक विधायक है। पिछली लोकसभा में मोदी लहर के चलते श्रीरंग बारणे को लाभ मिला था लेकिन इस बार क्या एक बार फिर से श्रीरंग बारणे यह सीट जीतने में सफल होंगे ? इस बात की चर्चा भी जोर पकड़ रही है। 

260 करोड़ की लागत से मुंबई में बनेगा मराठी भाषा भवन


 260 करोड़ की लागत से मुंबई में बनेगा मराठी भाषा भवन 

शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर ने दी जानकारी 
नवी मुंबई। मुंबई में 260 करोड़ की लागत से मराठी भाषा भवन बनाने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया है , इस बात की जानकारी शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर ने दी। दीपक केसरकर नवी मुंबई स्थित सिडको प्रदर्शनी केंद्र में आयोजित विश्व मराठी सम्मेलन के समापन समारोह में बोल रहे थे। इस समापन समारोह में हाल ही में पद्मश्री सम्मान से सम्मानित डॉ जहीर काजी , उदय देशपांडे तथा पद्मभूषण सम्मान से सम्मानित किए जाने वाले उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्यपाल राम नाईक , राजदत्त , मराठी भाषा विभाग की अतिरिक्त सचिव मनीषा म्हैसकर ,विजय पाटील ,सुप्रिया बड़वे ,अजय भोसले ,डॉ श्यामकांत देवरे आदि उपस्थित थे। 
आयोजित कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर ने जानकारी देते हुए बताया कि मुंबई में 260 करोड़ की लागत से मराठी भाषा भवन निर्माण करने का निर्णय लिया गया है। इसके साथ यहाँ आने वाले साहित्यकारों के रहने की व्यवस्था नवी मुंबई बनाए जाने वाले महाराष्ट्र भवन में की जाएगी। इसके साथ ही पंडित लक्ष्मण शास्त्री जोशी की स्मृति में वाई में भी एक भवन का निर्माण किया जाएगा। मराठी भाषा का विदेशों में किस तरह से प्रचार व प्रसार किया जाए इसके लिए तीन देशों के साथ अनुबंध भी किया गया है। शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर ने बताया कि मराठी भाषा के प्रचार व प्रसार के लिए वार्षिक 50 करोड़ खर्च करने के प्रावधान तैयार किया गया है। इसके लिए स्थानीय स्तर पर साहित्य सम्मलेन की समितियों का गठन किया जाएगा। 
पता हो कि विश्व मराठी भाषा सम्मेलन का उद्घाटन महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश वैश्य के हाथों किया गया था। विश्व मराठी सम्मेलन  में राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे , उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस , उप सभापति नीलम गोरे , मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे समेत कई लोग आए थे। 

वायु प्रदूषण के मकड़जाल में अटल सेतु का कंट्रोल रूम, विजिबिलिटी पर पड़ रहा है असर


 वायु प्रदूषण के मकड़जाल में अटल सेतु का कंट्रोल रूम 

विजिबिलिटी पर पड़ रहा है असर 
नवी मुंबई। अटल सेतु पर वाहनों पर निगरानी रखने के लिए बनाया गया कंट्रोल रूम वायु प्रदूषण के कारण सही तरीके से काम नहीं कर पा रहा है जिसकी वजह से कंट्रोल रूम में काम करने वाले कर्मचारियों को कई प्रकार की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उल्लेखनीय है कि शिवडी-न्हावाशेवा अटल सेतु का नियंत्रण कक्ष उरण-पनवेल (उरण पनवेल) क्षेत्र में बनाया गया है , और अटल सेतु का पूरा संचालन नियंत्रण कक्ष यानी कंट्रोल रूम से किया जाता है, जो नयी टेक्नोलॉजी से लैस है,. लेकिन, इस कंट्रोल रूम के आसपास बहुत ही कम दूरी पर पत्थर की खदानें, डामर, रेडी मिक्स प्लांट हैं. नतीजतन वहां से निकलने वाली धूल का सीधा असर कंट्रोल रूम की विजिबिलिटी पर पड़ता दिखाई दे रहा है। जिसकी वजह से वाहनों पर नियंत्रण रख पाने में यहाँ के कर्मचारियों को कई तरह की परेशानी हो रही है। 

पता हो कि कुछ दिन पहले देश के सबसे बड़े समुद्री पुल यानी अटल सेतु का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। जिसके बाद इस सेतु पर बड़ी संख्या में वाहनों का आवागमन शुरू हो गया है। जानकारी के अनुसार अटल सेतु से यात्रा करने वाले वाहनों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है और आने वाले वर्षों में इस समुद्री पुल से यात्रा इसी तरह जारी रहेगी और कई लोगों को मुंबई और नवी मुंबई के बीच की दूरी को कुछ ही समय में पार करने में बहुत मदद मिलेगी। मिनट। पुल पर वाहनों की बढ़ती संख्या को देखते हुए कंट्रोल रूम को हमेशा सतर्क रहना पड़ता है। लेकिन इन दिनों वायु प्रदूषण की वजह से विजिबिलिटी पर असर पड़ रहा है। 

जानकारी के अनुसार नवी मुंबई, पनवेल, उरण क्षेत्र में 150 से अधिक स्टोन क्रशर, रेडीमिक्स और डामर प्लांट हैं, जिनमें पनवेल में 98 और उरण जसाई में 11  हैं। लेकिन अभी भी अनुमति नहीं मिलने के कारण पत्थर खदान, क्रशर, डामर और इसी तरह के प्लांट शुरू नहीं हो पा रहे हैं. लेकिन फिर भी धूल की समस्या से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है , कहा जा रहा है कि यदि यह सभी प्लाँट शुरू हो जाते हैं तो वायु प्रदूषण की समस्या अधिक बढ़ जाएगी जिसका असर कंट्रोल रूम पर पड़ेगा। अटल सेतु के नियंत्रण कक्ष के पास स्थित इस संयंत्र से नियंत्रण कक्ष को होने वाले सभी खतरे को देखते हुए एमएमआरडीए ने इस संयंत्र को बंद करने की मांग की थी। परिणामस्वरूप कुछ पत्थर खदान और रेडी मिक्स प्लांट अभी भी बंद हैं। जिलाधिकारी राहुल मुंडके ने मीडिया को बताया कि एमएमआरडीए के साथ विस्तृत चर्चा के बाद ही आगे का निर्णय लिया जाएगा. तो अब एमएमआरडीए से इस सवाल का सटीक समाधान देखना अहम होगा.

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सिडको द्वारा बनाए गए घरों की कीमत 6 लाख रुपए हुई कम


 मुख्यमंत्री के निर्देश पर सिडको ने कम की घरों की कीमत 

नवी मुंबई। महागृहनिर्माण योजना के तहत सिडको द्वारा अल्प आय वालों के लिए बनाए गए घरों की कीमत 6 लाख रुपए कम कर दी गयी है। सिडको ने घरों की कीमत कम करने का निर्णय मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के आदेश पर लिया है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2022 में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अल्प आय वालों के लिए लॉटरी प्रक्रिया के तहत घर आवंटित किए गए थे। लॉटरी निकलने के बाद अधिकांश ग्राहकों का यह कहना था कि इन घरों की कीमत अधिक है इसलिए घरों की कीमत कम करने की मांग की गयी थी। पता हो कि बामन डोंगरी और खारकोपर में बनाई गयी इस परियोजना से लोगों ने अपना मुहं मोड़ लिया था , जिन लोगों को लॉटरी में घर मिले थे उन लोगों ने भी क़िस्त की अदायगी नहीं की थी। घरों की कीमत कम करने की बढ़ती हुई मांग को देखते हुए तत्कालीन सिडको के प्रबंध निदेशक संजय मुखर्जी ने घरों की कीमत कम करने का प्रस्ताव नगर विकास मंत्रालय के पास भेजा था। 
सिडको द्वारा दी गयी जानकारी में बताया गया है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के आदेश के बाद घरों की कीमतों में 6 लाख रुपयों को कम किया गया है।  इससे. 35 लाख 30 हजार कीमत का फ्लैट अब मात्र  29 लाख 50 हजार की कीमत पर उपलब्ध होगा. आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवेदकों को 2.5 लाख रुपये का अनुदान मिलेगा जिसके बाद यह फ्लैट मात्र  27 लाख रुपये में उपलब्ध होगा। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत  जो लोग आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से आते हैं ऐसे लोगों को 35 लाख रूपए जुटाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था।  इसे ध्यान में रखकर आवेदकों को राहत देने के लिए फ्लैट की कीमत कम करने का निर्देश सिडको को दिया गया। इस हिसाब से इन फ्लैट्स की कीमतें  6 लाख रु कम कर दी गयी हैं अब प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत रु. 2.5 लाख रुपये की सब्सिडी के साथ यह घर  27 लाख की कीमत पर उपलब्ध होंगे। 

कोट 
नवी मुंबई में सिडको द्वारा बामन डोंगरी तथा खारकोपर में शुरू की गयी महागृहनिर्माण परियोजना में 2022 में जिन लोगों को लॉटरी के माध्यम से घर मिले थे उन घरों की कीमत 6 लाख रुपए कम करने का निर्णय लिया गया है इससे उन ग्राहकों को बड़ी राहत मिलेगी जिन लोगों को घर मिले हैं अब वे लोग नवी मुंबई में अपना घर ले सकेंगे उनका घर का सपना सच हो जाएगा। 

 एकनाथ शिंदे
 मुख्यमंत्री, महाराष्ट्र राज्य

सिडको के माध्यम से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के आवेदकों के लिए महागृह निर्माण योजना दिवाली 2022 लागू की गई थी , इस योजना का कम्प्यूटरीकृत ड्रा 17 फरवरी 2023 को बामनडोंगरी में आवास परियोजना के लिए कुल 4869 आवेदकों का चयन किया गया था। सिडको द्वारा प्रदान की गई उत्तम कनेक्टिविटी के साथ नवी मुंबई के उल्वे नोड में यह  आवास योजना का निर्माण किया गया है  और इस योजना के माध्यम से आम नागरिकों का घर का सपना पूरा हो गया. आवेदकों द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों के साथ सफल आवेदकों को आशय पत्र भेज दिए गए हैं सत्यापन एवं आवंटन पत्र जारी करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। इसके चलते सफल आवेदकों को शीघ्र ही सूचित किया जाएगा। 
अनिल डिग्गीकर 
प्रबंध निदेशक , सिडको 

Monday, January 29, 2024

पत्रकार विकास संघ का वार्षिक सम्मेलन संपन्न


 मुंबई। पत्रकार विकास संघ का वार्षिक स्नेह सम्मेलन मालाड के ब्रह्मा महेश ग्राउंड पर आयोजित किया गया।  इस अवसर पर मुम्बई शहर के सैकड़ों पत्रकार, साहित्यकार, पुलिस विभाग और बॉलीवुड के दिग्गज उपस्थित थे। आयोजन के दौरान  डीसीपी अजय कुमार बंसल ने वरिष्ठ पत्रकार अमित मिश्रा को सम्मानित किया । इस अवसर पर प्रसिद्ध एक्टर- स्टैंड अप कॉमेडियन सुनील पाल , पूर्व मंत्री असलम शेख, पूर्व सांसद संजय निरुपम, आचार्य पवन त्रिपाठी, आरटीआय एक्टिविस्ट अनिल गलगली, पत्रकार अरुण उपाध्याय, पत्रकार विकास संघ के अध्यक्ष आनंद मिश्रा, वरिष्ठ टी.वी. जर्नलिस्ट सुनील सिंह, रंजीत सिंह श्रीनेट, पीवीएस के सचिव अजय सिंह, अर्जुन काम्बले तथा अशोक यादव सहित अनेकों गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

पनवेल मनपा के खिलाफ परियोजना पीड़ितों का मंगलवार से विरोध प्रदर्शन


 पनवेल मनपा के खिलाफ परियोजना पीड़ितों का मंगलवार से विरोध प्रदर्शन

मनपा गठन की तारीख से 5 साल तक टैक्स माफ़ करने की मांग 
35 साल तक ग्राम पंचायत की दर से लिया जाए टैक्स 

नवी मुंबई। पनवेल मनपा क्षेत्र में परियोजना प्रभावित संपत्ति मालिकों ने एक बार फिर विरोध का आक्रामक रुख अपनाया है और मंगलवार से मनपा प्रशासनिक भवन के सामने एक भव्य विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है. पनवेल तालुका परियोजना प्रभावित समिति ने मांग की है कि सरकार को नगर पालिका की स्थापना से पहले पांच वर्षों के लिए कर माफ करना चाहिए और राज्य सरकार की तरह नगर पालिका क्षेत्र में परियोजना प्रभावित संपत्ति मालिकों से अगले 35 वर्षों के लिए ग्राम पंचायत दर पर कर लेना चाहिए। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने कलंबोली स्थित लोहा बाजार के व्यापारियों का 300 करोड़ रुपये का एलबीटी माफ करने का निर्णय लिया है , जिसके बाद परियोजना प्रभावित भी टैक्स माफ़ करने की मांग करने लगे है। 

2016 में हुआ था पनवेल मनपा का गठन 
उल्लेखनीय है कि अक्टूबर 2016 में, पनवेल मनपा का विस्तार 23 ग्राम पंचायतों के 29 गांवों को कवर करने के लिए किया गया और मनपा की स्थापना की गई थी । मनपा की स्थापना के बाद से, संपत्ति कर की दर और वसूली को लेकर सिडको कॉलोनियों में परियोजना पीड़ितों और संपत्ति मालिकों का विरोध होता रहा है। इस संबंध में अदालत में याचिकाएं दायर की गई हैं. पनवेल वासियों को कोर्ट से अभी तक कोई राहत नहीं मिली है. साथ ही सत्ताधारियों की ओर से घोषणाओं के अलावा पनवेल के नागरिकों को कोई राहत नहीं मिली है.
इससे पहले परियोजना पीड़ितों ने एकजुट होकर मनपा प्रशासनिक भवन के सामने विरोध प्रदर्शन किया था. मनपा प्रशासन  की ओर से परियोजना पीड़ितों को आश्वासन के अलावा कोई ठोस निर्णय नहीं मिल सका। इस बीच, पनवेल परियोजना प्रभावित समिति ने मंगलवार से फिर आंदोलन का आह्वान किया है। परियोजना प्रभावित समिति ने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से दावा किया है कि पूर्वाश्रमी के ग्राम पंचायत कला जैसी सुविधाएं वर्तमान में मनपा द्वारा प्रदान की जा रही हैं। यह भी कहा जा रहा है कि नगर पालिका द्वारा लगाया जाने वाला टैक्स बहुत ज्यादा है इसलिए इस टैक्स को 5 साल के लिए नहीं वसूल किया जाना चाहिए इसके साथ ही 35 साल तक कम दर पर टैक्स की वसूली की जानी चाहिए। 

नवी मुंबई मनपा के सभी विभाग कार्यालयों में इंटरनेट सेवा बंद


   नवी मुंबई मनपा के सभी विभाग कार्यालयों में इंटरनेट सेवा बं

पेपरलेस होता है सभी विभागों में कामकाज 

नवी मुंबई। नवी मुंबई मनपा कागज रहित काम करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, इसलिए सभी विभाग कार्यालयों में इंटरनेट सेवा उपलब्ध की गयी है विशेष रूप से नवी मुंबई के नागरिकों से संबंधित जैसे विभिन्न बिल जमा करना, सेवा के माध्यम से प्राप्त शिकायतों को देखना और उनका पालन करना आदि। वहीं, नगरपालिका कार्यालय मुख्यालय और अन्य जगहों के बीच दैनिक रिकॉर्ड के संचार के लिए इंटरनेट सेवा बहुत महत्वपूर्ण है। लेकिन हफ्ते के पहले दिन यानी सोमवार को इंटरनेट सेवा बंद रही. जिसकी वजह नवी मुंबई के नागरिकों तथा कर्मचारियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। 

इस बारे में निरीक्षण करने पर पता चला कि सभी आठ विभाग कार्यालयों में इंटरनेट सेवा बंद है. मनपा क्षेत्र में चर्चा है कि इंटरनेट शुल्क नहीं चुकाने के कारण यह सेवा बंद की गयी है. लगातार तीन दिन छुट्टियाँ होने के कारण काम बंद है। चौथे दिन भी इंटरनेट का असर कामकाज पर पड़ा। एक अधिकारी ने बताया कि छुट्टी होने के कारण यह कहना संभव नहीं है कि सेवा कब से बंद थी. इस संबंध में पूछे जाने पर बिजली विभाग के मुख्य अधिकारी प्रवीण गढ़े ने इंटरनेट सेवा बंद होने की पुष्टि की और कहा कि कारण का पता लगाकर जल्द से जल्द इंटरनेट सेवा बंद कर दी जायेगी.

Sunday, January 28, 2024

सिडको द्रोणागिरी, तलोजा में 22 से 34 लाख में देगी घर


 सिडको द्रोणागिरी, तलोजा में 22 से 34 लाख में देगी घर 

3,322 फ्लैट की लॉटरी निकालने की योजना 

नवी मुंबई।  मुंबई और नवी मुंबई दो शहरों को जोड़ने वाले अटल सेतु के कारण द्रोणागिरी का महत्व बढ़ गया है। सिडको ने गणतंत्र दिवस पर आम लोगों को आधुनिक और योजनाबद्ध तरीके से बनाई गयी मेगा हाउसिंग प्रोजेक्ट में घर खरीदने का मौका दिया है। सिडको ने द्रोणागिरी और तलोजा क्षेत्र में 3322 फ्लैटों की लॉटरी निकालने की योजना बनाई है, और इस लॉटरी प्रक्रिया में 30 जनवरी से 27 मार्च के बीच इच्छुक उम्मीदवार ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इस ड्रा में लाभार्थियों को द्रोणागिरी सेक्टर 11 और 12 के इलाके में 22 लाख रुपये से 30 लाख रुपये तक फ्लैट खरीदने का मौका मिला है.
आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 25.81 वर्ग मीटर का फ्लैट 20 लाख रुपये में मिलेगा। इसमें तलोजा नोड के सेक्टर 21, 22, 27, 34, 36, 37 के फ्लैट भी शामिल हैं। ये फ्लैट आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग, सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित हैं। लॉटरी में लाभार्थियों को ये फ्लैट 22 लाख से 34 लाख रुपये में मिल सकेंगे. ड्रा योजना में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लाभार्थी अभ्यर्थियों को केंद्र सरकार से डेढ़ लाख और राज्य सरकार से एक लाख का अनुदान मिलेगा।

अटल सेतु से टोल के माध्यम से 61 लाख रुपये प्रतिदिन की हो रही कमाई


 प्रतिदिन 30,000 से अधिक वाहन मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक का कर रहे उपयोग 

 टोल के माध्यम से 61 लाख रुपये प्रतिदिन की हो रही कमाई 
10 दिन में 3 लाख 9 हजार वाहनों से 6 करोड़ 15 लाख की हुई कमाई 

नवी मुंबई। अटल सेतु के उद्घाटन के बाद से पहले 10 दिनों में प्रतिदिन औसतन लगभग 30,000 वाहन मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक का उपयोग कर रहे हैं, जिससे टोल शुल्क के माध्यम से प्रतिदिन 61.50 लाख रुपये की कमाई प्रतिदिन हो रही है। इस अटल सेतु का निर्माण करने वाले मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, 23 जनवरी तक पहले 10 दिनों में, कुल 3.09 लाख वाहनों ने समुद्री पुल का उपयोग किया, जिससे टोल के माध्यम से 6.15 करोड़ रुपये की कमाई हुई , जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। पता हो कि इस 22 किलोमीटर सबसे लंबे समुद्री पुल को 12 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटन करने के बाद यातायात के लिए खोला गया था।

एमएमआरडीए के अनुसार पहले दिन यानी कि 13 जनवरी को कुल 28,176 वाहनों ने पुल का उपयोग किया और 54.77 लाख रुपये की आय हुई , जबकि अगले दिन, कुल 54,977 वाहनों ने पुल का उपयोग किया और टोल के माध्यम से 1.06 करोड़ रुपये की कमाई हुई।

एमटीएचएल पर, न्हावा - शेवा शिवड़ी  तक पूरे मार्ग के लिए 250 रुपये छोटे वाहनों का टोल है। जबकि, शिवाजी नगर (उलवे), नवी मुंबई के लिए टोल 200 रुपये है। यात्री कारों के लिए वापसी यात्रा 300 रुपये, दैनिक पास 500 रुपये और मासिक पास 10,000 रुपये है। शिवाजी नगर-गव्हान खंड पर टोल 50 रुपये और वापसी यात्रा के लिए 75 रुपये है। पता हो कि मुंबई पुलिस शिवड़ी से 10.4 किलोमीटर की दूरी पर यातायात का प्रबंधन कर रही है, जबकि बाकी समुद्री लिंक नवी मुंबई पुलिस आयुक्तालय के न्हावा शेवा पुलिस के अधिकार क्षेत्र में है आता है। इस पुल पर  100 किमी प्रति घंटे की गति सीमा निर्धारित की गई है, जबकि समुद्री पुल की ओर जाने वाले रैंप पर गति सीमा 40 किमी प्रति घंटे की तय की गयी है। 

हिंदी राष्ट्रभाषा नहीं है , सभी स्कूलों में कक्षा 1 से 10 तक मराठी भाषा अनिवार्य हो - राज ठाकरे


 हिंदी राष्ट्रभाषा नहीं है , सभी स्कूलों में कक्षा 1 से 10 तक मराठी भाषा अनिवार्य हो - राज ठाकरे 

मराठी व्यक्ति को अपनी भाषा पर गर्व करना चाहिए 
सभी निजी स्कूलों में भी अनिवार्य की जाय मराठी भाषा 

नवी मुंबई।  हिंदी राष्ट्रभाषा नहीं है सिर्फ संपर्क की भाषा है इसलिए हिंदी अनिवार्य नहीं है। एक मराठी व्यक्ति जो महाराष्ट्र में नहीं बल्कि पूरी दुनिया में रहता है, उसे मराठी भाषा पर गर्व है। जब भी आप किसी से बात करें तो मराठी में बात करें। अगर देश के प्रधानमंत्री को अपनी भाषा और अपने राज्य पर गर्व है तो हमें मराठी पर गर्व क्यों नहीं होना चाहिए? यह बहुत गलत है कि मराठी लोग तब अलग-अलग भाषाएं बोलने लगते हैं , प्रत्येक मराठी व्यक्ति को अपनी भाषा में ही बात करना चाहिए अपनी मराठी भाषा पर गर्व करना चाहिए यह बात महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे ने नवी मुंबई में दूसरे विश्व मराठी सम्मेलन में कही। 

उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र राज्य सरकार को मराठी भाषा के लिए जो करना है वह करना चाहिए। उन्होंने राज्य के शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर से एक भवन बनाने, एक मराठी विश्वकोश बनाने, के साथ साथ कक्षा 1 से 10 तक अन्य सभी भाषा स्कूलों में मराठी अनिवार्य करने की अपील की। राज ठाकरे ने कहा कि जहां अमेरिका में रहने वाले भाइयों ने सौ से अधिक मराठी स्कूल शुरू किए हैं, वहीं बड़े अफसोस की बात है कि महाराष्ट्र में मराठी स्कूल बंद हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रभाषा का निर्णय कभी नहीं हुआ। केंद्र और राज्य सरकारों के बीच संचार की भाषा हिंदी है। हिंदी राष्ट्रभाषा नहीं है. तो बोलचाल में हिंदी का प्रयोग क्यों करें. उन्होंने आरोप लगाया कि मराठी भाषा को जानबूझकर दरकिनार करने की कोशिश की जा रही है.

सभी माध्यम स्कूलों में मराठी अनिवार्य करें
उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री चाहते हैं कि गुजरात में सबसे बड़ी प्रतिमा लगे. वे जावेरी बाज़ार समेत महत्वपूर्ण इमारतों को गुजरात ले जाना चाहते हैं तो हमें अपनी मराठी पर गर्व क्यों नहीं होना चाहिए? राज्य सरकार को ऐसी नीति बंद करनी चाहिए. महाराष्ट्र में रहने वाले हर व्यक्ति को मराठी बोलने में सक्षम होना चाहिए। इसलिए, राज ठाकरे ने जोर देकर कहा कि सभी माध्यम स्कूलों में मराठी को अनिवार्य किया जाना चाहिए। है


क्या मराठी लोग मूर्ख हैं? घर जाने को कौन कहता है? अब से किसी से भी मराठी भाषा में ही बात करनी चाहिए सामने वाला व्यक्ति भले ही दूसरी भाषा बोले ।' हमें इसकी आदत डाल लेनी चाहिए, इसलिए अब से महाराष्ट्र के सभी मराठी भाइयों को मराठी में बात करनी चाहिए।' ये नहीं चलेगा कि किसी मराठी आदमी को गुजराती बस्ती में घर न दिया जाए.  महाराष्ट्र जाइए और आपको पता चल जाएगा कि हमारी मराठीता में कितनी समृद्धि है। दक्षिणी राज्य अपनी मातृभाषा ही बोलते हैं, तो आइए अब से हम भी अपनी मातृभाषा बोलें। 
राज ठाकरे, 
अध्यक्ष, मनसे

Saturday, January 27, 2024

जिद के आगे जीत है ! मराठा आंदोलन से तो यही साबित होता है


 जिद के आगे जीत है ! मराठा आंदोलन से तो यही साबित होता है 

वरिष्ठ पत्रकार श्रीनारायण तिवारी “आदर्श पत्रकारिता पुरस्कार” के लिए चयनित


 वरिष्ठ पत्रकार श्रीनारायण तिवारी “आदर्श पत्रकारिता पुरस्कार” के लिए चयनित


भारतीय सद्विचार मंच देगा पुरस्कार

28 जनवरी को मुंबई में होगा कार्यक्रम

मुंबई। सामाजिक, साहित्यिक व सांस्कृतिक क्षेत्र की सर्वोत्कृष्ट संस्था “भारतीय सद्विचार मंच” पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए वरिष्ठ पत्रकार और हिंदी दैनिक जागरूक टाइम्स के कार्यकारी संपादक श्रीनारायण तिवारी को 'आदर्श पत्रकारिता पुरस्कार' प्रदान करने के लिय चयनित किया है। 
संस्था की कार्यकारिणी ने सर्वसम्मति से उक्त फैसला किया है। संस्था ने श्री तिवारी को पत्र देकर यह जानकारी दी है। संस्था के संस्थापक अध्यक्ष डाक्टर राधेश्याम तिवारी ने बताया कि उनकी संस्था ने पत्रकारीय मापदंडों के सभी पहलुओं पर विचार विमर्श करके ही “आदर्श पत्रकारिता पुरस्कार” देने का फैसला करती है। पुरस्कार समारोह  28 जनवरी,दिन रविवार को शाम 5 बजे दहिसर पूर्व में रखा गया है। यह पुरस्कार प्रसिद्ध पत्रकार, संपादक ठाकुर हरदत्त सिंह के नाम से दिया जाता है।
श्रीनारायण तिवारी उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले की बदलापुर तहसील स्थित गांव जगजीवनपुर के मूल निवासी हैं और वह विगत 39 वर्षों से मुंबई में रहकर पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान कर रहे हैं। श्री तिवारी हिंदी दैनिक जनसत्ता, दैनिक  लोकमत, दैनिक दबंग दुनियां, दैनिक देशोन्नति, दैनिक राष्ट्रप्रकाश, दैनिक एब्सल्यूट इण्डिया, दैनिक पूर्वविराम जैसे कई अखबारों में संवाददाता, मुख्य संवाददाता, ब्यूरो प्रमुख, पोलिटिकल एडिटर, स्थानीय संपादक और कार्यकारी संपादक के रूप में सेवा कर चुके हैं। श्री तिवारी ने हिंदी दैनिक जनसत्ता और संझा जनसत्ता में वरिष्ठ संवाददाता और मुख्य संवाददाता , हिंदी दैनिक लोकमत समाचार में मुंबई ब्यूरो चीफ, मराठी दैनिक लोकमत, अंग्रेजी दैनिक लोकमत टाइम्स में विशेष संवाददाता के रूप में एक लम्बी पारी खेला है। हिंदी दैनिक दबंग दुनिया मुंबई संस्करण के संपादक के रूप में उनका समाज जोड़ने का अभियान काफी सराहा गया था। संप्रति वह हिंदी दैनिक जागरूक टाइम्स के कार्यकारी संपादक हैं। 
श्री तिवारी आदर्श पत्रकारिता पुरस्कार से पहले रामनाथ गोयनका पत्रकारिता पुरस्कार, गजानन आर्य पत्रकारिता पुरस्कार, लोकभारतीय पत्रकारिता पुरस्कार, श्रीमती रामादेवी द्विवेदी पावन स्मृति विशिष्ट पत्रकार गौरव पुरस्कार आदि जैसे दर्जनों पुरस्कारों से सम्मानित हो चुके हैं।

उत्तर भारतीय संघ ने दी बधाई
श्री तिवारी को उत्तर भारतीय संघ के अध्यक्ष संतोष आर एन सिंह ने पुरस्कार के लिए चयनित किए जाने पर बधाई दी है। श्री सिंह ने फोन करके बधाई और शुभेच्छा दी है।

अंतू से अयोध्या के लिए सीधी बस सेवा शुरू


 अंतू से अयोध्या के लिए सीधी  बस सेवा शुरू


विधायक मौर्य ने हरी झंडी दिखा कर बस को किया रवाना

प्रतापगढ़। गणतंत्र दिवस पर अंतू स्टेशन से अयोध्या के लिए राज्य परिवहन की बस सेवा का शुभारंभ किया गया। विधायक राजेन्द्र मौर्य ने  हरी झंडी दिखा कर बस को रवाना किया। प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित राम प्रसाद मिश्र ने यह जानकारी दी।
 इस बस सेवा के शुरू होने से अंतू सहित आसपास के राम भक्तों में भारी उत्साह है। इस अवसर पर रोडवेज के अधिकारी, विधायक, ब्लाक प्रमुख प्रतिनिधि, नगर पंचायत अध्यक्ष एवं काफी सम्मानित लोग एकत्रित हुए थे।

सुबह 6 बजे अंतू से छूटेगी बस

यह बस अंतू स्टेशन से प्रातः 6 बजे छूटेगी और बाबूगंज,  किशुनगंज चंदिकन देवी धाम, गौरवारी रानी का इनारा, गड़वारा शुकुलपुर मोद होते हुए प्रतापगढ़ डिपो पहुंचेगी। वहां  से  सीधे अयोध्या के लिए रवाना होगी।यह बस दोपहर 12 बजे अयोध्या पहुंचेगी। रामनगरी से दोपहर बाद 1 बजे  फिर  अंतू के लिए रवाना होगी। ऐसा यह क्रम चलता रहेगा। 

पूर्व विधायक सौरभ के कार्यकाल में शुरू हुईं थीं क़ई बसें

गौरतलब है कि पूर्व विधायक बृजेश मिश्र सौरभ के प्रयास से उनके विधायकी कार्यकाल में अंतू से राज्य परिवहन की कई बसें प्रयागराज, लखनऊ सहित दूसरे शहरों का चक्कर लगाती थीं। लेकिन बाद के जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते बस सेवाएं बंद हो गईं। इस बार विधायक मौर्य से अंतूवासियों की बेहतर बस सेवा की आस जगी है।
इस अवसर पर राजेंद्र मौर्य विधायक, देशराज सिंह ब्लाक प्रमुख,संजय कुमार सोनी अध्यक्ष नगर पालिका अंतू,एआरएम रोडवेज अधिकारी निर्मल कुमार,राजमणि  तिवारी महाकाल रोडवेज संचालक प्रभारी,आचार्य पंडित श्रीराम प्रसाद मिश्र ज्योतिषी, दीपक मिश्रा एडवोकेट चंद्रिकन,विवेक कुमार विश्वकर्मा एडवोकेट,सतीश कुमार मिश्र सभासद,अंबुज द्विवेदी सभासद,अमरनाथ गुप्ता, हरिशंकर मिश्रा पत्रकार, शिवम द्विवेदी एडवोकेट आदि लोग उपस्थित थे।

कल्याण में सजी कवियों की महफिल


 भजन गीत 'मंदिर बना अभिराम' की हुई लांचिंग

कल्याण। स्व. एम.जे. पंडित चैरिटेबल ट्रस्ट एवं ओम शिवम सत्संग ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में गणतंत्र दिवस पर काव्य गोष्ठी नसिस्त और भजन गीत 'मंदिर बना अभिराम' की लांचिंग यशोदा हॉल, जोशीबाग कल्याण प. में किया गया।
इस मौके पर अग्रवाल और सोनावणे कॉलेज के संस्थापक एवं जनरल सेक्रेटरी डॉ. विजय पंडित ने कहा कि वर्तमान में महाराष्ट्र में एक विकट संकट बहुत नजदीक आता दिख रहा है। एक तरफ मराठा और दूसरी तरफ ओबीसी आरक्षण की बात चल रही है। हम तो ईश्वर से प्रार्थना करेंगे कि जल्द ही कोई रास्ता निकले और हमारा समाज विभाजित न हो। उन्होंने चंद पंक्तियां सुनाते हुए कहा कि जो कहनी थी बात अक्सर वही बात भूल जाता हूँ, किसी की झील जैसी आंखों में अक्सर डूब जाता हूँ, शिकायत है सबसे है पर किसी से कह नहीं सकता, बहुत गुस्सा आता है तो खुद से रुठ जाता हूँ... इन पंक्तियों को पेश करते ही कवियों की महफिल में चार चांद लग गया। और तालियों की गड़गड़ाहट से पूरा हाल गूंज उठा। इस समय अन्य कवियों ने भी अपनी स्वरचित रचनाएं प्रस्तुत कर खूब वाहवाही लूटी। इस मौके पर अग्रवाल कॉलेज के उप प्राचार्य डॉ. राज बहादुर सिंह, सोनावणे कॉलेज के ट्रस्टी श्रीचंद केसवानी, सुनील कुकरेजा का यथोचित सम्मान किया गया। कार्यक्रम के संयोजक रिटेल ग्रेन मर्चेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष हृदय पंडित, सरयूपारीण ब्राह्मण मंच फाउंडेशन के ट्रस्टी अमित तिवारी, दर्शन तिवारी, विजय त्रिपाठी रहे। इस मौके पर वरिष्ठों के हाथों से भजन गीत मंदिर बना अभिराम की लांचिंग की गई। वरिष्ठ पत्रकार अरविंद शर्मा, जगन्नाथ तिवारी, एच पी तिवारी, अंकित जायसवाल, विनीत तिवारी सहित बड़ी संख्या में कविता प्रेमी उपस्थित थे।
संचालन अग्रवाल कॉलेज के हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. मनीष मिश्र ने किया।
देश के 75 वें प्रजासत्ताक दिन निमित्त 26 जनवरी के दिन आयोजित इस कार्यक्रम में ओमप्रकाश पांडेय "नमन", मुरलीधर तिवारी,वरिष्ठ पत्रकार राकेश पांडेय (नवभारत) आदि मान्यवर मंच पर विराजमान थे।
काव्य गोष्ठी - नसिस्त का सूत्र संचालन डॉ मनीष मिश्रा ने किया।
कवि अफसर दकनी,उमेश शर्मा,बिलाल रौनक,राज बुंदेली,मनोज उरई,सत्यभामा सिंह,रामस्वरूप साहू,रईस आजमी,नमन,विजय पंडित,मनीष मिश्रा आदि मान्यवरों ने काव्य पाठ किया।

मराठा सामाज की सभी मांगे की गयी पूरी


 

मैने अपने वचन का पालन किया - मुख्यमंत्री 

मराठा सामाज की सभी मांगे की गयी पूरी 

नवी मुंबई। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मनोज जारांगे को जूस पिलाकर उनका अनशन खत्म करा दिया. इसके बाद मुख्यमंत्री ने मनोज जारांगे पाटिल की तारीफ करते हुए अपनी भावनाएं व्यक्त कीं. मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे गरीब समाज के दुख-दर्द का भी अंदाजा है।' इसलिए मैंने सार्वजनिक रूप से छत्रपति शिवाजी महाराज की शपथ ली थी , उस शपथ को पूरा करने का काम किया जा रहा है . एकनाथ शिंदे ने कहा कि अपनी बात रखना मेरे काम करने का तरीका है. उन्होंने कहा कि मनोज जारांगे पाटिल की तीन मांगें थीं कि जिन परिवारों के 54 लाख रिकॉर्ड मिले हैं, उन्हें प्रमाण पत्र दिया जाए, जिन परिवारों के रिकॉर्ड पाए गए हैं, उन्हें तत्काल आरक्षण दिया जाए और तीसरी मांग थी जिनके रिकॉर्ड पाए गए हैं, उनके रिश्तेदारों को प्रमाण पत्र दिया जाए। उन मांगों को मान लिया गया है . मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे खुद गजट लेकर नवी मुंबई में मनोज जारांगे से मिले और उन्हें सबके सामने गजट की प्रति दी। 

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने क्या कहा?
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं मराठा समुदाय के लिए लड़ने वाले मनोज जारांगे पाटिल को बधाई देता हूं। न केवल राज्य बल्कि पूरे देश का ध्यान मराठा आंदोलन को देख रहा था । मराठा समाज ने संयमित और अनुशासित तरीके से विरोध किया।' कहीं भी हंगामा किए बिना आंदोलन को सफल बनाने के लिए भी बधाई देते हैं। उन्होंने इस बात का ख्याल रखा कि उनके आंदोलन से किसी को परेशानी न हो. मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि मैं भी एक किसान परिवार का किसान बेटा हूं। मुझे गरीब समाज के दुख-दर्द का भी अंदाजा है।' इसलिए मैंने सार्वजनिक रूप से छत्रपति शिवाजी महाराज की शपथ ली। उस शपथ को पूरा करने का काम एकनाथ शिंदे कर रहे हैं। 

दोनों गुरुओं का आशीर्वाद मेरे साथ रहे
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज धर्मवीर आनंद दिघे की जयंती है. हाल ही में बाला साहेब ठाकरे की जयंती हुई. इन दोनों गुरुओं का आशीर्वाद मेरे साथ है। यह ऐतिहासिक लड़ाई आज स्वर्गीय अन्नासाहेब पाटिल की भूमि पर सफल हुई। मैं उन्हें भी सलाम करता हूं. उन्होने कहा कि हमारी सरकार आपकी सरकार है. हमारी सरकार किसानों और मजदूरों की सरकार है. हमने कभी भी वोटों के लिए नहीं बल्कि हित के लिए फैसले लिए। उन्होंने कहा कि मराठों ने कई लोगों को खड़ा किया, कईयों को बड़े-बड़े पद मिले। लेकिन जब मराठा समाज के साथ न्याय नहीं किया गया । मुख्यमंत्री ने कहा कि आज आपकी जीत का दिन है। 

सरकार द्वारा लिए गए निर्णयों में कुनबी प्रमाण पत्र जारी करने के लिए शिंदे समिति की समय सीमा बढ़ाना, प्रमाण पत्र जारी करने के लिए शिविर आयोजित करने की अधिसूचना, रिकॉर्ड खोजने के लिए समिति के अलावा पिछड़ा वर्ग आयोग के माध्यम से कुनबी प्रमाण पत्र जारी करना शामिल है। उन्होंने कहा कि सभी काम कानून के दायरे में किए जायेंगे इससे ओबीसी समुदाय के साथ कोई अन्याय नहीं होगा, मराठा आरक्षण, ओबीसी को जो लाभ आरक्षण से मिलता है वही सब मराठा समाज को भी मिलेगा। 

मुख्यमंत्री का विरोध खत्म : मनोज जारांगे
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अच्छा काम किया है. उनसे आपका विरोध ख़त्म हो गया है. आपका अनुरोध स्वीकार कर लिया गया है. जिन्होंने हमारा विरोध किया, हमने उनका विरोध किया. एक समाज के रूप में हमारा विषय ख़त्म हो गया है. मैं मुख्यमंत्री से जूस ग्रहण करूंगा. हम उनका पत्र स्वीकार करेंगे. मैंने समाज को अपना पिता माना है।' मैंने आपसे पूछने का फैसला किया है. क्या हम मुख्यमंत्री को बुलाएं? जैसा कि सभी लोग इस पर सहमत थे, मैंने फैसला किया है।.मैं एक बड़ी विजय रैली करना चाहता हूं.' जारांगे ने कहा कि रैली के संदर्भ में जल्द ही तारीख की घोषणा की जाएगी.

Friday, January 26, 2024

मराठा आंदोलन से बढ़ी सरकार की मुश्किलें

 मराठा आंदोलन से बढ़ी  सरकार की मुश्किलें 

मनीष अस्थाना 
मराठा आंदोलन की आग एक बार फिर तेज होने लगी है , मराठा आंदोलनकारी धीरे धीरे मुंबई की तरफ बढ़ रहे हैं जैसे जैसे आंदोलन कारी मुंबई की तरफ बढ़ रहें हैं वैसे वैसे सरकार की धड़कन भी तेज होती जा रही है। मार्च या अप्रैल में लोकसभा चुनाव होने की बात कही जा रही है , महाराष्ट्र में महायुति ने लोकसभा की 48 में 45 सीटें जीतने का बीड़ा उठाया हुआ है। भाजपा के आला नेताओं को महाराष्ट्र के भाजपा नेताओं समेत शिवसेना के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे तथा एनसीपी नेता अजीत पवार ने भी इस बात का भरोसा दिलाया है कि आने वाले लोकसभा चुनाव में लोकसभा की 45 सीटें जिताने में वे भी पीछे नहीं रहेंगे। किंतु जिस तरह से महाराष्ट्र में मराठा आंदोलन की आग भड़क रही है ऐसे में भाजपा तथा उसके सहयोगी दलों के लिए आधी सीटें जीत पाना भी मुश्किल दिखाई दे रहा है। हालांकि अभी तक जितने भी सीटों को लेकर सर्वेक्षण किए गए हैं या फिर किए जा रहें हैं उसमें भी भाजपा के नेताओं की चिंता बढ़ाने वाले ही परिणाम सामने आ रहें हैं। 

महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण आंदोलन को लेकर केंद्र सरकार द्वारा किसी प्रकार की कोई टिप्पणी अभी तक तो नहीं की गयी है यहाँ तक इस आंदोलन के बीच में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महाराष्ट्र का कई बार दौरा कर चुके हैं उसमें भी मराठा आरक्षण को लेकर कोई जिक्र नहीं किया है। इधर मराठा समाज आरक्षण को लेकर जिद पर अड़ा हुआ है वे किसी भी कीमत पर आरक्षण चाहते हैं। मराठा समाज आरक्षण लेने के लिए मुंबई आने के लिए पैदल निकल पड़ा है और 26 जनवरी को मुंबई पहुँच जाएगा। इस आंदोलन में मराठा समाज के कितने लोग शामिल होंगे इसका अनुमान सरकार को भी नहीं हैं माना जा रहा है इस आंदोलन में 50 lलाख के आसपास लोग मुंबई आएंगे , ऐसे में सरकार के लिए कानून व्यवस्था को बनाए रखना सबसे बड़ा चुनौतीपूर्ण काम होगा। 

मराठा नेता मनोज जरंगे पाटिल का कहना है कि सरकार ने उनसे वादा किया था जिसकी समय सीमा भी तय की गयी थी लेकिन उस तय सीमा में सरकार ने कुछ नहीं किया है , जरांगे का कहना है कि सरकार उन्हें मुर्ख बना रही है लेकिन ऐसा नहीं चलेगा। मनोज जरानगे का यह भी कहना है कि उन्होंने सरकार से बातचीत का रास्ता बंद नहीं किया है सरकार के लोग उनसे बातचीत करने के लिए आएंगे तो वे बातचीत करेंगे लेकिन अब किसी भी कीमत पर पीछे नहीं हटेंगे। मराठा आरक्षण को लेकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का कहना है कि उनकी सरकार गंभीरता पूर्वक काम कर रही है इसलिए पिछड़ा वर्ग आयोग को सर्वेक्षण का काम दिया गया है उनकी सरकार मराठा समाज को स्थायी और कानून के दायरे में आरक्षण दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए हर स्तर पर काम भी किए जा रहें हैं। 

महाराष्ट्र में मराठा आंदोलन को लेकर विपक्ष हवा देने का काम कर रहा है , एनसीपी नेता शरद पवार इसे लेकर सरकार को घेर चुके हैं। विपक्ष का मानना है कि यदि लोकसभा चुनाव के पहले किसी वजह से मराठा आरक्षण लागू नहीं हो पाता है तो वे इसका राजनीतिक लाभ ले सकते हैं भाजपा किसी भी कीमत पर यह होने नहीं देना चाहती है क्योंकि इस बार के लोकसभा चुनाव में भाजपा के लिए महाराष्ट्र बेहद महत्वपूर्ण है , इसलिए महाराष्ट्र के भाजपा नेता लगातार यह बात कह रहें हैं कि मराठा समाज को नियम के अनुसार स्थायी आरक्षण दिया जाएगा लेकिन यहाँ पर सबसे बड़ा सवाल यह खड़ा हो रहा है कि मराठा आंदोलनकारी सरकार की किसी भी बात पर विश्वास करने के लिए तैयार नहीं हैं। 

बगावत में उलझी महाराष्ट्र की राजनीति

   बगावत में उलझी महाराष्ट्र की राजनीति 

मनीष अस्थाना 
लगभग दो दशक पहले महाराष्ट्र की राजनीति में कांग्रेस का वर्चस्व हुआ करता था , लेकिन विदेशी मूल के मुद्दे पर शरद पवार ने कांग्रेस से बगावत कर अपनी अलग पार्टी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी बना ली लेकिन जब शरद पवार को लगा कि वे अपने दम पर महाराष्ट्र में सरकार नहीं बना पाएंगे तब उन्होंने कांग्रेस पार्टी के साथ समझौता कर गठबंधन कर लिया और महाराष्ट्र में कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार भी बनाई और कांग्रेस के छोटे भाई की भूमिका में आ गए ।

  शिवसेना में भी पारिवारिक सत्ता संघर्ष की लड़ाई तेज हो गई जिसकी वजह से शिवसेना में बगावत करने की शुरुआत छगन भुजबल और नारायण राणे से शुरू हुई । छगन भुजबल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए और नारायण राणे ने कांग्रेस का दामन थाम लिया । उसके बाद शिवसेना से गणेश नाईक , संजय निरुपम जैस कई लोग अलग हो गए , यह सब उस समय हो रहा था जब बाल ठाकरे जीवित थे । शिवसेना में हुई इस बगावत का असर कुछ खास अधिक नहीं पड़ा उस समय बाल ठाकरे ने पार्टी को तो संभाल लिया, लेकिन पार्टी के बिखराव को रोक नहीं पाए , जब उन्होंने अपने जीते जी पार्टी की कमान अपने पुत्र उद्धव ठाकरे को सौपी तो इसके सबसे बड़े दावेदार यानि कि बाल ठाकरे के भतीजे राज ठाकरे ने शिवसेना से किनारा कर अपनी पार्टी महाराष्ट्र नव निर्माण सेना का गठन कर लिया , हालांकि राज ठाकरे महाराष्ट्र की राजनीति में कुछ कर नही पाए वे महाराष्ट्र की राजनीतिक सत्ता का हिस्सा तक बनने में कामयाब नही हो सके ।
1995 में शिवसेना और भाजपा महाराष्ट्र में सरकार बनाने में सफल हो गई थी इस बार शिवसेना ने विधानसभा की 73 सीटें जीती थी जबकि भाजपा 63 सीटें जीतने में कामयाब हुई थी, राज्य में भाजपा शिवसेना सरकार बनने के बाद शिवसेना के भीतर आंतरिक मतभेद भी सामने आने लगे और पार्टी के दिग्गज नेता शिवसेना से बाहर जाने लगे जिसकी वजह से शिवसेना कमजोर हो गई। 1999 के विधानसभा चुनाव में शिवसेना भाजपा मिलकर भी सरकार नहीं बना पायी। साल 2009 के विधानसभा चुनाव हुए और एक बार फिर कांग्रेस और एनसीपी ने महाराष्ट्र में सरकार बनाई। उस समय महाराष्ट्र में भाजपा छोटे भाई की भूमिका में थी लेकिन भाजपा की लगातार यही कोशिश रही कि वह बड़े भाई की भूमिका में आए । 2014 में भाजपा की यह इच्छा पूरी भी हो गई , मोदी की लहर के चलते भाजपा ने 122 सीटों पर जीत हासिल की और शिवसेना मात्र 63 सीटों पर ही जीत हासिल कर सकी। शिवसेना और भाजपा में गठबंधन होने की वजह से यह गठबंधन की सरकार ने अपना कार्यकाल पूरा कर लिया। 2019 में शिवसेना - भाजपा गठबंधन ने फिर से जीत हासिल की इस बार भाजपा को 105 सीटों पर जीत हासिल हुई और शिवसेना मात्र 56 सीट ही जीत सकी। 
2019 के विधानसभा चुनाव में कम सीटें पाने के बावजूद शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद शिवसेना को देने की मांग की , जिसे भाजपा के शीर्ष नेताओं ने ख़ारिज कर दिया। शिवसेना की मांग ख़ारिज किए जाने की मांग को उद्धव ठाकरे पचा नहीं पाए और भाजपा से अपना नाता तोड़ लिया। इसके बाद महाराष्ट्र में शिवसेना - राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी  तथा कांग्रेस ने मिलकर महाविकास आघाडी की स्थापना की जिसमें मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी उद्धव ठाकरे को दी गयी। एक समय ऐसा भी था जब शिवसेना भाजपा सरकार का रिमोट कंट्रोल मातो श्री में हुआ करता था लेकिन इस बार यह रिमोट कंट्रोल शरद पवार के हाथ में आ गया था ,इस तरह के गठबंधन को लेकर शिवसेना नेताओं में आंतरिक मतभेद था , हालांकि इस गठबंधन से शरद पवार की पार्टी एनसीपी में भी सब कुछ ठीक नहीं था शायद इसी लिए शरद पवार के भतीजे अजीत पवार ने बेहद गोपनीय तरीके से देवेंद्र फडणवीस के साथ मिलकर सरकार का गठन कर लिया और उपमुख्यमंत्री बन गए लेकिन अजित पवार उस वक्त एनसीपी के विधायकों को तोड़ने में कामयाब नहीं हो पाए थे, इसलिए उन्होंने अपना समर्थन वापस ले लिया और सरकार बहुमत साबित करने से पहले ही गिर गयी। यह टीस अजीत पवार के मन में घर कर गई ।
महाविकास आघाडी की सरकार ढाई साल तक किसी न किसी तरह से चलती रही लेकिन जून 2022 को अचानक शिवसेना से पार्टी के सबसे कद्दावर नेता एकनाथ शिंदे ने विद्रोह कर दिया , एकनाथ शिंदे ने जिस समय उद्धव ठाकरे से विद्रोह किया वे उस समय सरकार में कैबिनेट मंत्री थे , एकनाथ शिंदे ने सिर्फ विद्रोह ही नहीं किया बल्कि शिवसेना पार्टी और चुनाव चिन्ह पर भी अपना दावा ठोंक दिया। एकनाथ शिंदे ने भाजपा के साथ मिलकर सरकार बना ली चुनाव चिन्ह भी हथिया लिया और पार्टी पर भी कब्ज़ा कर लिया। सरकार संवैधानिक है  या असंवैधानिक, इस बात की लड़ाई अभी चल रही है। उद्धव इस डैमेज कंट्रोल को सुधारने में लग गए तब तक उधर शरद पवार के भतीजे अजीत पवार भी इंतजार नहीं कर पाए , उन्होंने भी अपने चाचा शरद पवार से बगावत कर दी और एनसीपी के एक बड़े गुट को अपने साथ लेकर एकनाथ शिंदे - भाजपा की सरकार में शामिल हो गए। अजित पवार ने भी एनसीपी तथा चुनाव चिन्ह पर अपना दावा ठोक दिया और कहा कि उनका गुट ही असली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी है , हालांकि पार्टी पर अधिकार को लेकर चाचा भतीजे का संघर्ष चल रहा है। पिछले दो सालों से महाराष्ट की राजनीति बगावत में ही उलझ कर रह गयी है। 
पिछले कुछ समय से राजनीति के गलियारों में इस बात को लेकर चर्चा की जा रही है कि शिवसेना तथा एनसीपी में हुई बगावत का फायदा किसे मिलेगा ? स्वाभाविक है इसका राजनीतिक लाभ सबसे अधिक भाजपा को ही मिलेगा , क्योंकि कुछ समय के बाद लोकसभा चुनाव होने वाले है ऐसे में भाजपा को छोड़कर किसी भी पार्टी का संगठन मजबूत नहीं है। उद्धव ठाकरे अपने गुट वाली शिवसेना को मजबूत करने में लगे हुए हैं , एकनाथ शिंदे की हालत भी कुछ वैसी ही है एकनाथ शिंदे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सहारे अपनी राजनीतिक नौका पार लगाना चाहते है। शरद पवार की एनसीपी भी टूटकर पूरी तरह से बिखर चुकी है पार्टी का संगठनात्मक ढाँचा टूट चुका है जिसे इतनी जल्दी तो सुधारा नहीं जा सकता है। अजीत पवार वाले गुट की हालत भी कुछ वैसी ही है उनके पास भी अभी मजबूत संगठनात्मक ढांचा नहीं है ऐसे में चुनाव के समय परेशानी उठाना स्वाभाविक है , क्योंकि कार्यकर्ता अभी इस पशोपेश में है कि वह किसके साथ जाय ? कार्यकर्ता अभी तक तय नहीं कर पा रहा है वह दुविधा में फंसा हुआ है। 
ऐसे में यदि बात भाजपा की करें तो वह अन्य दलों की अपेक्षा काफी मजबूत स्थिति में है , जिस तरह से तीन राज्यों में चुनाव परिणाम आए हैं उसे देखने के बाद भाजपा में कोई भी बगावत का सुर नहीं अलापेगा चाहे उसका टिकट कटे या फिर मिले। क्योंकि तीन राज्यों में कई लोगों के टिकट शीर्ष नेताओं द्वारा काटे गए लेकिन एक दो अपवाद को छोड़कर किसी ने भी बगावत का झंडा बुलंद करने की हिम्मत नहीं दिखाई ठीक उसी तरह की स्थिति महाराष्ट्र में भी बनेगी चुनाव चाहे लोकसभा के हो या फिर विधानसभा के हो। भाजपा अपने नेताओं से लेकर कार्यकर्ताओं तक अपनी पकड़ मजबूत करने में लगी है।