Tuesday, November 2, 2010
janch our ghotale
इन दिनों मुंबई का आदर्श हाऊसिंग घोटाला व कामनवेल्थ घोटाला कांग्रेस सरकार की गले की हड्डी बने हुए है . इन मुद्दों पर कांग्रेसी नेता एक दुसरे के कपडे उतारने के काम मैं लगे हुए है सभी अपना दामन पाक साफ बताने का बताने में जुटे है लेकिन इन सभी के बीच पार्टी की खासी किरकिरी हो रही है लिहाजा पार्टी की मुखिया सोनिया गाँधी ने सभी नेताओं को मीडिया से बात करने से मना कर दिया . मुंबई के आदर्श हौसिंग घोटाले में कई बड़े नेताओं के नाम सामने आये हैं जो लगातार सीएम के रेस में बने थे चाहे वे विलास राव देशमुख हो या फिर सुशिल कुमार सिंदे या फिर नारायण राणे का नाम हो . लेकिन इन सभी लोगों ने अपने आप को पाक साफ बताया है . हलाकि महारास्ट्र के सीएम ने अपना इस्तीफा पार्टी के प्रमुख सोनिया गाँधी को दे दिया है . पार्टी प्रमुख ने इस मामले पर एक जांच कमिटी गठित कर दी है माना जा रहा है की यह कमिटी अपनी रिपोर्ट कुछ समाया बाद सोपेगी जिसके बाद निर्णय लिया जायेगा .
इस बारें में जायदातर लोगों का मानना है की असोक चव्हाण का इस्तीफा स्वीकार कर लिया जायेगा इस्तीफा लेना भी चाइये
Monday, September 27, 2010
राम के सहारे राम मंदिर
सदियाँ गुजर जाने के बाद अब राम जन्म भूमि के बारे में अदालत का निर्णय आने वाला है जिसको लेकर तमाम तरह की अटकलें लगायी जा रही हैं , किसी का कहना है की अदालत का निर्णय मुस्लिमो के पक्छ में जायेगा तो कुछ लोगों का यह मानना है की यह निर्णय हिन्दुओं के हक़ में हो सकता है इन्ही आशंकाओं को लेकर सरकार की नीद हराम हो चुकी है । सरकार को डर है की कही लोग आपस में लड़ने न लग जाएँ । वैसे सुप्रीम कोर्ट ने कुछ दिनों के लिए निर्णय तो टाल दिया है इससे सरकार को थोड़ी राहत तो जरुर मिली है , लेकिन इस मामले को अब ज्यादा खीचा नहीं जाना चाहिए । आने वाले निर्णय को लेकर कुछ कानून के जानकारों का कहना है इस मामले पर रोक नहीं लगनी चाहिये थी क्योंकि ज्यादातर लोग यही चाहते है की मामले का निपटारा अदालत करे क्योंकि यह मामला आपसी सहमती से हल नहीं किया जा सकता है , कानूनविदों का मानना है की लोग इसमें आपसी समझोता नहीं चाहते हैं यदि ऐसा होता तो यह मामला कब का हल हो गया होता ।
उधर राम मंदिर का मुद्दा धर्मवादी नेता अपने हाथ से जाने नहीं देना चाहते हैं । इसीलिए यह लोग नहीं चाहते की इसका कोई हमेसा का हल निकले यदि एसा नहीं होता तो राम के नाम पर सत्ता में आने वाली बीजेपी आज राम मंदिर के मुद्दे को लेकर दूर जाती दिखाई दे रही है उसे लगने लगा है की यदि वह ऐसा करती है तो जो थोड़े बहुत मुसलमानों के वोट उसके पास हैं वे भी चलें जायेगे ।
Friday, August 27, 2010
बाढ़ का प्रकोप
ग्लोबल वार्मिंग का असर भारी बरसात के रूप में दिखाई देने लगा है ,विश्व के कई देश बरसात की त्रासदी झेल रहें है भारत ,चीन ,पाकिस्तान के साथ साथ कई ओउर देश भी है जहाँ पर पानी ने अपना कोहराम मचा रखा है .भारत के पूर्वी प्रान्तों के कई राज्य बाढ़ की चपेट में हैं .देश की कई नदियाँ पुरे उफान पर हैं ,चाहे निचला इलाका हो या फिर पहाड़ी इलाका सब तरफ जोरदार बरसात हो रही है देश में कई हिस्से पानी में डूबेहुए दिखाई दे रहे रहें हैं तो कहीं के रस्ते ही बरसात की चपेट में आकर बह चुके है । इस बार देश की राजधानी दिल्ली का भी बुरा हाल रहा है वैसे तो बरसात यहाँ हर बार होती थी लेकिन इस बार बरसात ने जो अपना रोद्र रूप दिखे उससे तो लोगो ने सब कुछ भगवान bह्रोसे छोड़ दिया था .
Sunday, August 22, 2010
सांसदों का वेतन
इन दिनों पूरा देश जहाँ महेगाई की मार से परेसान है वहीँ हमारे देश के संसद अपने वेतन को लेकर परेशान दिखाई दे रहे है जो लोग संसद मेंवेतन बढ़ाने की मांग कर रहें हैं वे सभी लोग आज करोडो की अकूत सम्पति के मालिक बन कर बैठे हैं ऐसे लोगों को भला देश से वेतन लेने की क्या जरुरत है कहने के लिए तो यह लोग जनता के सेवक है जन सेवा के नाम पर यह लोग वैसे भी करोडो कमाते है । आज संसद में जितने भी जन प्रतिनिदी है उनमें से ९० प्रतिसत लोग करोड़ों के मालिक हैं इसके बावजूद भी इन लोगों को प्रति माह ६५ हजार का वेतन देने निर्णय लिया गया है इसके आलावा कई प्रकार के भत्ते दिए जा रहें है जो कुल मिलाकर दो लाख के पार हो जाएगी .माना जा रहा है इस वेतन वृद्धी के बात भारत की गिनती एक ऐसे देश में की जाने लगेगी जहाँ पर सबसे जादा वेतन जन प्रतिनिधयों को दिया जाता है ।
हैरानी वाली बात तो यह है इस मामले में सभी लोग एकजुट हो गए चाहे वह विपच हो या सत्ता पक्छ के संसद diyaहो सब एक साथ दिखाई दिए । यदि इतनी एकजुटता अन्य मामलों में दिखाई दे तो शायद आज वे समस्याएँ नहीं रहेंगी जिनका रोना खुद यही लोग रोतें रहेतें है ।
अभी कुछ दिनों पहले देश में करोडो तन अनाज बर्बाद हो गया है जिस पर संसद में थोड़ी देर के लिए शोर शराबा हुआ लेकिन परिणाम कुछ नहीं हुआ । लाखो लोग भूखे मरते रहे और सर्कार व् सर्कार के प्रतिनिधि सोते रहे । लेकिन जब फायदा खुद का दिखाई दिया तो सभी एक जुट हो गए शायद यही देश का दुर्भाग्य है.
Wednesday, August 4, 2010
Friday, May 28, 2010
नक्सली आतंक
मनीष अस्थाना
नक्सलवादी लोगों ने जिस तरह से निर्दोष लोगों की हत्या की है उसकी जितनी निंदा की जाये कम है। माना जा रहा है की यह हमला अभी तक का सबसे बड़ा हमला है जिसमें बड़ी संख्या मैं निर्दोष लोगों की मोत हो गयी। नक्सलवादियों का यह हमला सरकार दवारा चलाये जा रहे आपरेशन ग्रीन्हंत के विरोध मैं था । नकास्ल्वादियों का कहना है की इस को बंद कर दिया जाय लेकिन सारकार उनकी इस मांग को मानने के लिए तयारनहीं है । वैसे नक्सलवादियों का कोई पहला काम नहीं है इससे पहले भी इन लोगों ने कई हमले किये है एक हिसाब से देखा जाये तो यह लोग अपनी सारकार चलाते है जिनके अपने क़ानून होते है । कुछ दिनों पहले जब सारकार ने इन नक्ल्सवदिओन के खिलाफ सीधी लड़ाई लड़ने का मन बनाया था कुछ लोगों ने इस बात का विरोध किया था लेकिन आज इन लोगों से सीधी लड़ाई लड़ने का समय आ गया है । इतने बड़े हमले के बाद सारकार को कोई ठोस कदम उठाना ही होगा यदि सारकार आब भी कोई ठोस कदम नहीं उठती है तो इन लोगों के मनसूबे ओर भी मजबूत होगे ओर इससे बड़े हमले की तयारी करेगें जसी की खुफ्या रिपोर्ट भी है । इस हमले के बाद सारकार ने नकासल्वादियों के रस्ते पर रात कड़े समय ट्रेने नहीं चलाने के निर्णय लिया है। यह निर्णय कुछ समय के लिए तो ठीक है लेकिन यह समस्या कुछ समय के लिए नहीं है। आने वाले दिनों मैं यह समस्या ओर भी बढ़ेगी । नक्सलवादियों पर यदि समय रहते लगाम लगा दी गयी होती तो आज यह दिन नहीं देखने को मिलता । पिछले कुछ दिनों से खबरे आ रहीं है है की नकासल्वादियों ने अब अपना रुख सहरों की तरफ भी किया है यदि इन बातों मैं तनिक भी सच्चाई है तो मामला गंभीर है । सारकार को इस पर गंभीरता से ध्यान देना होगा। नक्सलवादी जिस तरह से हमले कर रहे है उसे देखते हुए सभी राजनितिक दलों को एक साथ आकर ठोस निर्णय लेना चाहिए ओर नक्सलवादियों दे सीधी लड़ाई लड़नी चाहिए ताकि नक्सलवादियों पर अंकुश लगाया जा सके.