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Monday, September 27, 2010

राम के सहारे राम मंदिर

मनीष अस्थाना
सदियाँ गुजर जाने के बाद अब राम जन्म भूमि के बारे में अदालत का निर्णय आने वाला है जिसको लेकर तमाम तरह की अटकलें लगायी जा रही हैं , किसी का कहना है की अदालत का निर्णय मुस्लिमो के पक्छ में जायेगा तो कुछ लोगों का यह मानना है की यह निर्णय हिन्दुओं के हक़ में हो सकता है इन्ही आशंकाओं को लेकर सरकार की नीद हराम हो चुकी है । सरकार को डर है की कही लोग आपस में लड़ने न लग जाएँ । वैसे सुप्रीम कोर्ट ने कुछ दिनों के लिए निर्णय तो टाल दिया है इससे सरकार को थोड़ी राहत तो जरुर मिली है , लेकिन इस मामले को अब ज्यादा खीचा नहीं जाना चाहिए । आने वाले निर्णय को लेकर कुछ कानून के जानकारों का कहना है इस मामले पर रोक नहीं लगनी चाहिये थी क्योंकि ज्यादातर लोग यही चाहते है की मामले का निपटारा अदालत करे क्योंकि यह मामला आपसी सहमती से हल नहीं किया जा सकता है , कानूनविदों का मानना है की लोग इसमें आपसी समझोता नहीं चाहते हैं यदि ऐसा होता तो यह मामला कब का हल हो गया होता ।
उधर राम मंदिर का मुद्दा धर्मवादी नेता अपने हाथ से जाने नहीं देना चाहते हैं । इसीलिए यह लोग नहीं चाहते की इसका कोई हमेसा का हल निकले यदि एसा नहीं होता तो राम के नाम पर सत्ता में आने वाली बीजेपी आज राम मंदिर के मुद्दे को लेकर दूर जाती दिखाई दे रही है उसे लगने लगा है की यदि वह ऐसा करती है तो जो थोड़े बहुत मुसलमानों के वोट उसके पास हैं वे भी चलें जायेगे ।

3 comments:

  1. ब्लॉग जगत में स्वागत है.......

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  2. इस सुंदर से नए चिट्ठे के साथ हिंदी ब्‍लॉग जगत में आपका स्‍वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!

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