नवी मुंबई। पिछले सोमवार को सिडको द्वारा उल्वे स्थित सेक्टर 5 में सीपी गोयंका शैक्षणिक संस्थान द्वारा सार्वजनिक खेल के मैदान पर किए गए अतिक्रमण पर तोडू कार्रवाई की गई , इस कार्रवाई में पक्षपात पूर्ण रवैया अपनाए जाने की वजह से स्थानीय लोगों में नाराजगी व्याप्त है । अतिक्रमण हटाने आए सिडको अधिकारी भरत ठाकुर ने मजदूरों के लिए रहने के लिए बनाए गए शेल्टर तथा बिल्डिंग मैटेरियल कस सामान रखने की जगह पर बुलडोजर चलाने का काम किया अवैध रूप से बनाए गए स्वीमिंग पूल पर मात्र दिखावे के लिए कार्रवाई की गयी। टर्फ के लिए बनाए गए अवैध कार्यालय को तोड़ने का काम किया गया वहीं दूसरी तरफ मैदान में अवैध तरीके से लगाए गए फुटबाल टर्फ के जाली तक को हाथ नहीं लगाया । सिडको द्वारा की गई इस कार्रवाई से लोगों में आश्चर्य व्यक्त किया जा रहा है , जबकि हकीकत में फुटबॉल टर्फ की वजह से ही आसपास की इमारतों में रहने वाले लोगों को सबसे अधिक परेशानी हो रही है । पता हो कि यह स्कूल पिछले दो साल से निर्माणाधीन इमारत में चल रहा है इस इमारत को न तो ओसी मिली है । और न ही अभी तक सी बी एस ई बोर्ड की मान्यता ही प्राप्त है ।
टर्फ में खेलने के लिए की जाती है ऑनलाइन बुकिंग
खेल के मैदान पर अवैध तरीके से बनाए गए टर्फ में खेलने के लिए ऑनलाइन बुकिंग प्रति घंटे के हिसाब से की जाती है साथ ही टर्फ से ही स्कूल प्रबंधन को प्रतिमाह लाखों की कमाई होती है। इस टर्फ के आसपास बनी इमारतों में रहने वाले नागरिकों का कहना है कि जो लोग यहाँ खेलने के लिए आते हैं वे लोग मैदान पर काफी शोर शराबा करते हैं और खेलते समय अश्लील भाषा का भी इस्तेमाल करते है जिसकी वजह से परेशानी होती है और इन इमारतों में रहने वाले बच्चों की पढ़ाई लिखाई भी प्रभावित होती है। मैदान के करीब बनी एक इमारत में रहने वाले विजय कुमार नामक व्यक्ति ने बताया कि इस बात को लेकर स्कूल के प्रबंधन से कई बार बात की गयी लेकिन स्कूल प्रबंधन ने लोगों की शिकायत पर कभी भी गौर नहीं किया। स्थानीय लोगों का कहना है कि सिडको ने जब कार्रवाई की ही थी तो फ़ुटबाल टर्फ को हटाने का काम करना चाहिए ताकि इस खेल के मैदान का उपयोग सार्वजनिक रूप से किया जा सकता लेकिन सिडको ने अपनी कार्रवाई में ऐसा कुछ भी नहीं किया। इसके साथ ही सिडको के अतिक्रमण दस्ते ने सेक्टर 5 में बने किसी भी अवैध गैरेज पर अपना बुलडोजर नहीं चलाया। इस संन्दर्भ में सिडको के मुख्य सतर्कता अधिकारी सुरेश मेंगड़े से संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका।
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