Pages

Friday, August 27, 2010

बाढ़ का प्रकोप

मनीष अस्थाना
ग्लोबल वार्मिंग का असर भारी बरसात के रूप में दिखाई देने लगा है ,विश्व के कई देश बरसात की त्रासदी झेल रहें है भारत ,चीन ,पाकिस्तान के साथ साथ कई ओउर देश भी है जहाँ पर पानी ने अपना कोहराम मचा रखा है .भारत के पूर्वी प्रान्तों के कई राज्य बाढ़ की चपेट में हैं .देश की कई नदियाँ पुरे उफान पर हैं ,चाहे निचला इलाका हो या फिर पहाड़ी इलाका सब तरफ जोरदार बरसात हो रही है देश में कई हिस्से पानी में डूबेहुए दिखाई दे रहे रहें हैं तो कहीं के रस्ते ही बरसात की चपेट में आकर बह चुके है । इस बार देश की राजधानी दिल्ली का भी बुरा हाल रहा है वैसे तो बरसात यहाँ हर बार होती थी लेकिन इस बार बरसात ने जो अपना रोद्र रूप दिखे उससे तो लोगो ने सब कुछ भगवान bह्रोसे छोड़ दिया था .

Sunday, August 22, 2010

सांसदों का वेतन

मनीष अस्थाना
इन दिनों पूरा देश जहाँ महेगाई की मार से परेसान है वहीँ हमारे देश के संसद अपने वेतन को लेकर परेशान दिखाई दे रहे है जो लोग संसद मेंवेतन बढ़ाने की मांग कर रहें हैं वे सभी लोग आज करोडो की अकूत सम्पति के मालिक बन कर बैठे हैं ऐसे लोगों को भला देश से वेतन लेने की क्या जरुरत है कहने के लिए तो यह लोग जनता के सेवक है जन सेवा के नाम पर यह लोग वैसे भी करोडो कमाते है । आज संसद में जितने भी जन प्रतिनिदी है उनमें से ९० प्रतिसत लोग करोड़ों के मालिक हैं इसके बावजूद भी इन लोगों को प्रति माह ६५ हजार का वेतन देने निर्णय लिया गया है इसके आलावा कई प्रकार के भत्ते दिए जा रहें है जो कुल मिलाकर दो लाख के पार हो जाएगी .माना जा रहा है इस वेतन वृद्धी के बात भारत की गिनती एक ऐसे देश में की जाने लगेगी जहाँ पर सबसे जादा वेतन जन प्रतिनिधयों को दिया जाता है ।
हैरानी वाली बात तो यह है इस मामले में सभी लोग एकजुट हो गए चाहे वह विपच हो या सत्ता पक्छ के संसद diyaहो सब एक साथ दिखाई दिए । यदि इतनी एकजुटता अन्य मामलों में दिखाई दे तो शायद आज वे समस्याएँ नहीं रहेंगी जिनका रोना खुद यही लोग रोतें रहेतें है ।
अभी कुछ दिनों पहले देश में करोडो तन अनाज बर्बाद हो गया है जिस पर संसद में थोड़ी देर के लिए शोर शराबा हुआ लेकिन परिणाम कुछ नहीं हुआ । लाखो लोग भूखे मरते रहे और सर्कार व् सर्कार के प्रतिनिधि सोते रहे । लेकिन जब फायदा खुद का दिखाई दिया तो सभी एक जुट हो गए शायद यही देश का दुर्भाग्य है.