शेकाप के प्रीतम म्हात्रे तथा यूबीटी के मनोहर भोईर ने शुरू किया प्रचार
मनीष अस्थाना
नवी मुंबई। महाविकास आघाड़ी में अभी तक सीटों के बटवारे पर सहमति नहीं बन पायी है , कौन सी सीट किसके खाते में जाएगी इस बात का निर्णय अभी तक नहीं हुआ है। किन्तु लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद जिस तरह से उरण विधानसभा सीट पर महाविकास आघाड़ी के प्रत्याशी संजोग बघोरे को बढ़त मिली थी उसके बाद इस सीट पर महाविकास आघाड़ी के सभी घटक दलों का मनोबल खासा बढ़ा है। लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद से ही यूबीटी के मनोहर भोईर , शेकाप के प्रीतम म्हात्रे तथा कांग्रेस के महेंद्र घरत सबसे अधिक उत्साहित दिखाई दे रहें हैं। शेकाप के प्रीतम म्हात्रे तथा मनोहर भोईर ने अपना प्रचार अभियान भी शुरू कर दिया है।
किसे मिलेगी सीट अभी तय नहीं
चुनाव के नजदीक आते ही उरण विधानसभा क्षेत्र में अब शिवसेना (ठाकरे गुट) और शेतकारी कामगार पार्टी महाविकास अघाड़ी का घटक दल है, लेकिन पिछले कुछ दिनों से दोनों दलों के बीच टिकट को लेकर दरार दिख रही है. दोनों घटक दलों के दावेदारों ने क्षेत्र में अपना अलग-अलग प्रचार शुरू कर दिया है. इसमें ठाकरे गुट के पूर्व विधायक मनोहर भोईर और शेतकारी कामगार पार्टी के युवा नेता प्रीतम म्हात्रे ने मोर्चा संभाल लिया है, इन दोनों उम्मीदवारों ने दावा किया है कि वे महाविकास अघाड़ी से चुनाव लड़ेंगे हालांकि महाविकास अघाड़ी में यह सीट किसके खाते में जाएगी इस बात को लेकर दावा फिलहाल अभी नहीं किया जा सकता है . लोकसभा चुनाव में उरण विधानसभा क्षेत्र में महाविकास अघाड़ी को भारी बहुमत से जीत मिली थी लेकिन उस समय महाविकास अघाड़ी और महायुति के बीच सीधी लड़ाई थी , लेकिन विधानसभा चुनाव में कई दावेदार बगावत का झंडा बुलंद कर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ सकते है। कहा जा रहा है कि यदि ऐसा कुछ होता है इसका लाभ भाजपा को मिल सकता है।
पिछले 5 सालों में बढ़ा है शहरी भाग
2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार महेश बाल्दी ने जीत हासिल की थी. साथ ही उरण सीट पर पहला विधायक देने वाली शेतकरी कामगार पार्टी तीसरे नंबर पर रही थी . हालांकि हार जीत का अंतर काफी काम था उल्लेखनीय है कि शेतकरी कामगार पार्टी इस बार अपने आस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है। पता हो कि 2019 से पहले उरण विधानसभा सीट की सीमा में ग्रामीण इलाका अधिक था , शहरी भाग काफी कम था लेकिन पिछले पांच सालों में इस विधानसभा क्षेत्र में सिडको ने नए नोड्स का निर्माण किया है जिसमें नागरिकों की जनसंख्या बढ़ी है और शहरी भागों में मतदाताओं की संख्या भी बढ़ी है। उल्वे तथा करंजाडे जैसे शहरी इलाकों वाले नोड्स में बड़ी संख्या में बाहरी मतदाता है अकेले उल्वे नोड की बात करें तो यहां पर 40 हजार के आसपास मतदाता है जिसमें बाहरी मतदाताओं की संख्या अधिक है , मात्र यही वजह है कि उरण में लड़ने वाले प्रत्येक प्रत्याशी ने उल्वे और करंजाड़े की तरफ विशेष ध्यान देना शुरू किया है और यहां के मतदाता उनका एकमात्र लक्ष्य हैं। इन दोनों शहरी क्षेत्रों में भाजपा भी लोगों से जुड़कर काम करने में लगी है। महाविकास अघाड़ी को भी बाधित करने की कोशिश कर रहे हैं। अगर महाविकास अघाड़ी में फूट पड़ती है और दो उम्मीदवार खड़े होते हैं तो यह चुनाव बीजेपी के लिए फायदेमंद होगा।
विकास कामों के सहारे भाजपा
भाजपा में महेश बाल्दी को छोड़कर दूसरे किसी व्यक्ति ने अभी तक इस सीट पर दावेदारी नहीं की है इसलिए इस बार भी महेश बाल्दी का टिकट पक्का माना जा रहा है। चर्चा की जा रही है कि महेश बाल्दी इस बार विकास के मुद्दे पर ही चुनाव मैदान में आएंगे। उल्वे में भाजपा समर्थक वितेश म्हात्रे का कहना है कि उल्वे में विकास काम भाजपा के विधायक महेश बाल्दी के कार्यकाल में किए गए हैं इसलिए मतदाता उनके पक्ष में ही मतदान करेगा। उन्होंने बताया कि उरण विधानसभा क्षेत्र में अब अकेले स्थानीय वाद का मुद्दा लेकर चुनाव नहीं जीता सकता है। वैसे भी महाविकास आघाड़ी के घटक दल आपस में सहमति नहीं बना पा रहें हैं यदि यूबीटी और शेकाप दोनों दलों के नेता चुनाव मैदान में उतरते हैं तो इसका सीधा लाभ भाजपा को होगा।
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